आज का दिन इन 4 राशियों के लिए रहेगा भारी! 27 जून को बन रहा ग्रहों का नकारात्मक संयोग, वीडियो में जानिए बचने के उपाय

27 जून 2025 का दिन वैदिक ज्योतिष के दृष्टिकोण से कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दिन आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि सुबह 11:19 बजे तक रहेगी, उसके बाद तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी। नक्षत्र में पुनर्वसु सुबह 7:22 बजे तक रहेगा, फिर पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा। व्याघात योग रात 9:10 बजे तक रहेगा, उसके बाद हर्षण योग शुरू हो जाएगा। करण में कौलव सुबह 11:19 बजे तक रहेगा, फिर तैतिल रात 10:31 बजे तक रहेगा और इसके बाद गर करण प्रभावी होगा। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा और बुध कर्क राशि में, शुक्र मेष राशि में, सूर्य और बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे। ज्योतिष के अनुसार द्वितीया तिथि सौम्य होती है, लेकिन तृतीया तिथि कुछ राशियों के लिए मानसिक तनाव और निर्णय लेने में जटिलता ला सकती है।
बृहस्पति के अधीन पुनर्वसु नक्षत्र सुबह के समय रचनात्मकता और नई शुरुआत देगा, लेकिन शनि के प्रभाव में पुष्य नक्षत्र दोपहर से कुछ राशियों पर भारी पड़ सकता है। व्याघात योग दिन के अधिकांश समय बाधाएं, विवाद और तनाव लेकर आ सकता है, जबकि रात में हर्षण योग सकारात्मक ऊर्जा देगा। कौलव और तैतिल करण कड़ी मेहनत और छोटी-मोटी बाधाएं ला सकते हैं। वहीं कर्क राशि में चंद्रमा और बुध की युति भावनात्मक संवेदनशीलता को बढ़ाएगी, लेकिन मानसिक उलझन पैदा कर सकती है। शुक्र का मेष राशि में होना प्रेम और आर्थिक जीवन में जल्दबाजी ला सकता है। मिथुन राशि में सूर्य और बृहस्पति की युति बुद्धि और नेतृत्व को बढ़ाएगी, लेकिन कुछ राशियों के लिए अहंकार या तनाव का कारण बन सकती है। सिंह राशि में मंगल और केतु की युति आक्रामकता और अप्रत्याशित जोखिम ला सकती है। कुंभ राशि में राहु और मीन राशि में शनि लंबे समय तक चुनौतियां दे सकते हैं। आइए जानते हैं कि सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के लिए यह दिन क्यों अशुभ रहेगा और इसे बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए चंद्रमा और बुध 12वें भाव में रहेंगे, जिससे अनियोजित खर्च, यात्रा में परेशानी या मानसिक तनाव हो सकता है। पहले भाव में मंगल और केतु के होने से आक्रामकता, जल्दबाजी या सिरदर्द या तनाव जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। पुष्य नक्षत्र और व्याघात योग के प्रभाव से कार्यक्षेत्र में बाधाएं और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। रिश्तों में गलतफहमियां बढ़ सकती हैं। उपाय: सुबह सूर्य को जल चढ़ाएं और 'ॐ घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
कन्या राशि
कन्या राशि के लिए चंद्रमा और बुध 11वें भाव को प्रभावित करेंगे, जिससे दोस्तों या सहकर्मियों के साथ गलतफहमियां हो सकती हैं। सूर्य और बृहस्पति के 10वें भाव में होने से कार्यक्षेत्र में बॉस से तनाव हो सकता है या आपके अंदर अहंकार की स्थिति बन सकती है। व्याघात योग के कारण प्रोफेशनल प्रोजेक्ट में बाधाएं आ सकती हैं। दोपहर से पुष्य नक्षत्र आर्थिक योजनाओं में बाधा डाल सकता है। उपाय: गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए चंद्रमा और बुध नवम भाव में रहेंगे, जिससे यात्रा या धार्मिक कार्यों में बाधा आ सकती है। मंगल और केतु के दशम भाव में होने से कार्यस्थल पर बॉस या सहकर्मियों से अनबन की संभावना है। व्याघात योग के प्रभाव से व्यावसायिक परियोजनाओं में बाधा और मानसिक तनाव हो सकता है। दोपहर से पुष्य नक्षत्र निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति पैदा करेगा। उपाय: सुबह हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और 'ॐ हं हनुमते नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
कुंभ राशि
कुंभ राशि वालों के लिए चंद्रमा और बुध छठे भाव को प्रभावित करेंगे, जिससे छोटी-मोटी स्वास्थ्य समस्याएं या विवाद हो सकते हैं। राहु के पहले भाव में होने से मानसिक तनाव और आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। मंगल और केतु के सातवें भाव में होने से वैवाहिक या साझेदारी संबंधों में तनाव होने की संभावना है। व्याघात योग रात में योजनाओं को प्रभावित करेगा। उपाय: सुबह शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं और काले तिल का दान करें।