आज 7 जून को इन 3 राशियों पर मंडरा रहा है संकट का बादल, आज के दिन रहें बेहद सतर्क और सोच-समझकर लें फैसले

हिंदू पंचांग के अनुसार 7 जून 2025 को द्वादशी तिथि है। चित्रा नक्षत्र सुबह 9:40 बजे तक रहेगा, फिर स्वाति नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वरियाण योग सुबह 11:18 बजे तक रहेगा, इसके बाद परिघ योग आ जाएगा, जो कुछ बाधाएं ला सकता है। बव करण शाम 6:03 बजे तक रहेगा, फिर बालव करण शुरू हो जाएगा। चंद्रमा तुला राशि में रहेगा, जो रिश्तों और रचनात्मकता को बढ़ावा देगा। शुक्र मेष राशि में, सूर्य वृष राशि में, बुध और बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल कर्क राशि में सुबह 2:28 बजे तक रहेगा, फिर सिंह राशि में जाएगा और केतु के साथ जोड़ी बनाएगा। राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेगा।
7 जून 2025 को चंद्रमा तुला राशि में होने से रिश्तों, कला और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। चित्रा और स्वाति नक्षत्र रचनात्मकता और स्वतंत्रता के लिए अच्छे हैं, लेकिन मंगल-केतु की जोड़ी अचानक तनाव या जोखिम ला सकती है। दोपहर बाद परिघ योग काम में रुकावटें पैदा कर सकता है। इसके चलते कुछ लोगों को अपनी सेहत, वाहन चलाने और निर्णय लेने में सावधानी बरतनी होगी। हालांकि सही उपायों से दिन को अच्छा बनाया जा सकता है। मंगल-केतु की जोड़ी और परिघ योग के चलते कुछ राशियों के महत्वपूर्ण भाव (पहला, सातवां, दसवां, नौवां) प्रभावित होंगे, जिससे तनाव, बाधाएं, सेहत या रिश्तों में परेशानी आ सकती है। चंद्रमा का तुला राशि में होना भावनाओं में उतार-चढ़ाव ला सकता है। आइए जानते हैं किन राशियों को आज सावधान रहना होगा?
सिंह राशि
सिंह राशि मंगल-केतु की जोड़ी आपकी कुंडली के पहले भाव में है, जिससे गुस्सा, सिर दर्द, चोट जैसी सेहत संबंधी समस्याएं या आत्मविश्वास की कमी हो सकती है। चंद्रमा तुला राशि में रहकर तीसरे भाव को प्रभावित करेगा, जिससे भाई-बहन या पड़ोसियों से झगड़ा हो सकता है। दोपहर बाद परिघ योग निर्णय लेने में रुकावटें और काम में देरी का कारण बन सकता है। मंगल-केतु की जोड़ी पहले भाव में होने से आपके व्यक्तित्व, सेहत और मानसिक शांति पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। वाहन धीरे चलाएं और गुस्से से बचें। उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।
वृश्चिक
मंगल-केतु की जोड़ी दसवें भाव में है, जो ऑफिस में बॉस या सहकर्मियों से अचानक तनाव, रुकावटें या मतभेद पैदा कर सकती है। चंद्रमा तुला राशि में होगा और आपके बारहवें भाव को प्रभावित करेगा, जिससे मानसिक तनाव, अनावश्यक खर्च या नींद की समस्या हो सकती है। दोपहर के बाद परिघ योग काम में देरी और चुनौतियों को बढ़ा सकता है। दसवें भाव में मंगल-केतु करियर और छवि को नुकसान पहुंचाएगा और बारहवां भाव मानसिक शांति को भंग करेगा। उपाय: बजरंग बाण का पाठ करें।
धनु
मंगल-केतु की जोड़ी आपके नौवें भाव में है, जिससे भाग्य में कमी, यात्रा में रुकावटें या पिता/गुरु से मतभेद हो सकता है। चंद्रमा तुला राशि में यानी आपके ग्यारहवें भाव में है, जिससे सामाजिक दायरे या दोस्तों से तनाव हो सकता है। दोपहर के बाद परिघ योग योजनाओं में रुकावटें और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ला सकता है। नौवें भाव में मंगल-केतु भाग्य और बड़े फैसलों पर नकारात्मक प्रभाव डालेंगे, जिससे दिन चुनौतीपूर्ण रहेगा। उपाय: बृहस्पति के बीज मंत्र 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः' का 21 बार जप करें।