आज है ज्येष्ठ कृष्ण षष्ठी तिथि, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
आज 19 मई 2025 है, ज्येष्ठ माह का षष्ठी दिन है और आज इस माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। आज दिन की लंबाई 19 घंटे 39 मिनट 09 सेकंड है, जबकि रात की लंबाई 19 घंटे 20 मिनट 21 सेकंड होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का प्रथम भाग है और सूर्य इस समय उत्तरायण में गोचर कर रहा है। आइए जानते हैं 19 मई के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थितियां क्या हैं? आज का समय आपके लिए कैसा है और राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है, जो 19 मई की 06:11 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। षष्ठी तिथि एक नंदा तिथि है, जिसके स्वामी नागदेव हैं और इसका स्वभाव यशप्रद है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज श्रवण नक्षत्र 07:29 PM तक व्याप्त रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र शुरू होगी, यह भी एक शुभ नक्षत्र है।
दिन/वार: आज दिन सोमवार है, जो भगवान शिव की उपासना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन शिवजी की पूजा, व्रत और अभिषेक का विशेष महत्व होता है। इसके साथ ही, सोमवार को नवग्रहों में चंद्रदेव को समर्पित दिन माना जाता है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
योग: आज 05:53 AM तक शुक्ल योग व्याप्त रहेगा, जो कि एक शुभ योग है। इसके बाद ब्रह्म योग की शुरुआत होगी।
इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?
करण: आज 06:11 AM तक वणिज करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद विष्टि करण की शुरुआत होगी, जो 19 मई की 06:05 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद बव करण शुरू होगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शनिदेव हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:05 AM से 04:47 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:26 AM से 05:28 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:50 AM से 12:45 PM
विजय मुहूर्त: 02:34 PM से 03:29 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:06 PM से 07:27 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:07 PM से 08:09 PM
अमृत काल: 08:49 AM से 10:28 AM
निशिता मुहूर्त: 11:57 PM से 12:38 AM, मई 20
सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:28 AM से 07:29 PM
रवि योग: 05:28 AM से 07:29 PM
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 07:11 AM से 08:53 AM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 10:35 AM से 12:18 PM
दुर्मुहूर्त काल: 12:45 PM से 01:40 PM और 03:29 PM से 04:24 PM
गुलिक काल: 02:00 PM से 03:43 PM: :
विष घटी/वर्ज्य काल: 11:30 PM से 01:06 AM, मई 20
भद्रा काल: 06:11 AM से 06:05 पी ए
19 मई 2025 के त्यौहार एवं उत्सव
आज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि और दिन सोमवार है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन बहुत शुभ माना जाता है। शिवजी की कृपा प्राप्त करने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए यह दिन विशेष महत्व रखता है। इसके साथ ही सोमवार का संबंध नवग्रहों में चंद्रदेव से है, जिन्हें मन और भावनाओं का कारक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से मानसिक शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पूर्व दिशा का भटकाव रहने के कारण, आपातकालीन स्थिति को छोड़कर इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड और आकाशीय घटनाओं की प्राकृतिक लय के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए गति को प्रेरित करता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख भाग
पंचांग के पांच मुख्य घटक हैं, जो किए गए कार्य में सफलता और समृद्धि की संभावनाओं को ध्यान में रखते हैं। पंचांग में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों के महत्व और उनके प्रभाव को बताता है।
तिथि: यह चंद्र मास के अनुसार दिनों की गणना दर्शाती है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभावों को दर्शाता है।
योग: यह विशेष खगोलीय संयोगों के महत्व को प्रकट करता है।
करण: अर्ध तिथि के कारक को करण कहते हैं, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में शुभ कार्य पंचांग के आधार पर किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा आती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्यतः हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय प्रारंभ करना, यात्रा करना तथा अन्य मांगलिक कार्य।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग न केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता को भी मजबूत करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जाओं के साथ संतुलन स्थापित करने में मदद करता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता आती है। इसलिए पंचांग का पालन करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

