आज है मासिक जन्माष्टमी, यहां जानें पंचांग का शुभ योग और राहु काल

आज 20 मई 2025 है, ज्येष्ठ माह की अष्टमी तिथि है और आज इस माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज दिन की लंबाई 13 घंटे 40 मिनट 13 सेकंड होगी, जबकि रात की लंबाई 10 घंटे 19 मिनट 18 सेकंड होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु का प्रथम भाग है और सूर्य इस समय उत्तरायण में गोचर कर रहा है।
आइए जानते हैं 20 मई के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की स्थितियां क्या हैं? आज का समय आपके लिए कैसा है और राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है, जो सुबह 05:51 बजे से शुरू होकर 21 मई को सुबह 04:55 बजे तक रहेगी। अष्टमी तिथि एक जया तिथि है, जिसके स्वामी भगवान शिव हैं तथा इसका स्वभाव संघर्ष से भरा है। यह तिथि शुभ मुहूर्त में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज धनिष्ठा नक्षत्र शाम 07:32 बजे तक रहेगा। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र प्रारम्भ होगा, जो एक शुभ नक्षत्र भी है।
दिन/वार: मंगलवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष धार्मिक महत्व रखता है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की उपासना के लिए समर्पित है। इसके साथ ही, मंगलवार का दिन नवग्रहों में ग्रहों के सेनापति मंगल देव को भी समर्पित है और इस दिन मंगल शांति के उपाय किए जाते हैं।
योग: आज इंद्र योग है, जो 21 मई के 02:50 AM तक व्याप्त रहेगा, यह एक शुभ योग है। इसके बाद वैधृति योग की शुरुआत होगी।
इसके साथ ही, आज द्विपुष्कर योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इन योगों की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं?
करण: आज 05:51 AM तक बव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद बालव करण की शुरुआत होगी, जो 20 मई की 05:28 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद कौलव करण शुरू होगा, जो 21 मई के 04:55 AM तक कायम रहेगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य वृषभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शुक्र ग्रह हैं।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा मकर राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी शनिदेव हैं। इस राशि में वे 07:35 AM तक ही रहेंगे और फिर कुंभ राशि में गोचर कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 04:05 AM से 04:46 AM
प्रातः सन्ध्या: 04:26 AM से 05:28 AM
अभिजित मुहूर्त: 11:50 AM से 12:45 PM
विजय मुहूर्त: 02:35 PM से 03:29 PM
गोधूलि मुहूर्त: 07:07 PM से 07:27 PM
सायाह्न सन्ध्या: 07:08 PM से 08:10 PM
अमृत काल: 09:07 AM से 10:43 AM
निशिता मुहूर्त: 11:57 PM से 12:38 AM, मई 21
द्विपुष्कर योग: 05:28 AM से 05:51 AM
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 03:43 PM से 05:25 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 08:53 AM से 10:35 AM
दुर्मुहूर्त काल: 08:12 AM से 09:06 AM और 11:16 PM से 11:57 PM
गुलिक काल: 12:18 PM से 02:00 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 02:34 AM, मई 21 से 04:07 AM, मई 21
पंचक: 07:35 AM से 05:27 AM, मई 21
20 मई 2025 के त्यौहार एवं उत्सव
आज ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और दिन मंगलवार है। हिंदू धर्म में मंगलवार का विशेष धार्मिक महत्व है। यह दिन विशेष रूप से बजरंग बली हनुमान जी की पूजा को समर्पित माना जाता है। इस दिन भक्त हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामचरितमानस का पाठ करते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी की कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में साहस और आत्मबल बढ़ता है।
इसके साथ ही मंगलवार का दिन नवग्रहों में सेनापति मंगल को भी समर्पित है। ज्योतिष के अनुसार मंगल ग्रह ऊर्जा, पराक्रम, भूमि, साहस और मार्शल आर्ट का प्रतीक है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, वे इस दिन विशेष रूप से भगवान मंगल की पूजा और व्रत करते हैं। मंगल के शुभ प्रभाव से व्यक्ति के जीवन में शक्ति, स्थिरता और समृद्धि आती है।
बड़ा मंगल: बड़ा मंगल, जिसे बुढ़वा मंगल या जेठ मंगल भी कहा जाता है, ज्येष्ठ माह के मंगलवार को मनाया जाता है। यह दिन हनुमान जी और भगवान राम की मुलाकात के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है तथा मनचाही एवं अभीष्ट कामनाएं पूर्ण होती हैं।
मासिक जन्माष्टमी: हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भगवान कृष्ण के भक्तों को भगवान के प्रति सम्मान प्रकट करने, प्रार्थना करने और उनकी लीलाओं को याद करने का अवसर देता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज उत्तर दिशा होने के कारण आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है, सिवाय किसी आपातकालीन स्थिति के।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड और आकाशीय घटनाओं की प्राकृतिक लय के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए गति को प्रेरित करता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनती हैं।
पंचांग के पांच प्रमुख भाग
पंचांग में पांच मुख्य तत्व होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर किए गए कार्य में सफलता और समृद्धि की संभावना का पता लगाया जाता है। पंचांग में निम्नलिखित शामिल होते हैं:
वार: यह सप्ताह के सातों दिनों के महत्व और उनके प्रभाव को बताता है।
तिथि: यह चंद्र मास के अनुसार दिनों की गणना दर्शाती है।
नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभावों को दर्शाता है।
योग: यह विशेष खगोलीय संयोगों के महत्व को प्रकट करता है।
करण: अर्ध तिथि के कारक को करण कहते हैं, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।
शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में शुभ कार्य पंचांग के आधार पर किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा आती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्यतः हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय प्रारंभ करना, यात्रा करना तथा अन्य मांगलिक कार्य।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग न केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम है बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता को भी मजबूत करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जाओं के साथ संतुलन स्थापित करने में मदद करता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता आती है। इसलिए पंचांग का पालन करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।