ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित हैं वही शनिवार के अधिपति देव शनि महाराज हैं वह जातक को उनके कार्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं इसलिए इन्हें न्याय का देवता कहा जाता हैं शनि की महादशा का सामना कर रहे लोगों को शनिवार का व्रत रखना चाहिए क्योंकि अगर कर्मों के फलदाता आपके पूजा से प्रसन्न है

तो आपके जीवन से दुखों का अंत हो जाएगा। शनिदेव को काली वस्तुएं बहुत पसंद हैं इसलिए काले तिल, काला वस्त्र, तेल, उड़द बहुत ही प्रिय हैं शनिदेव की पूजा में इन वस्तुओं का उपयोग जरूर करना चाहिए आज शनिवार है जो लोग आज का व्रत रखते हैं वे आज की व्रत, पूजन विधि और महत्व को यहां जान सकते हैं तो आइए जानते हैं।

जानिए शनिवार व्रत पूजा विधि—
इस दिन प्रात काल जल्दी उठकर स्नान कर शनिदेव का स्मरण करना चाहिए इसके बाद पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए लोहे से बनी शनिदेव की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराना और मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें इसके बाद काले तिल, पुष्प, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा करें व्रत में पूजा के बाद शनिदेव की कथा का श्रवण करें और दिनभर उनका स्मरण करते रहें। फिर अपनी क्षमतानुसार, ब्राह्माणों को भोजन कराएं और लोह वस्तु, धन आदि का दान करें इस दिन व्यक्ति को एक ही बार भोजन करना चाहिए

इसके अलावा इस दिन चीटियों को आटा डालना फलदायी माना गया हैं इस तरह शनिदेव का व्रत रखने से दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदला जा सकता हैं और हर विपत्ति को दूर किया जा सकता हैं। शनिवार व्रत करने से शनि ग्रह का दोष समाप्त हो जाता हैं भविष्य मं आने वाले प्रकोप से भी बचा जा सकता हैं साढ़ेसाती और ढैय्या से छुअकारा मिलता हैं और बिगड़ा काम पूरा हो जाता हैं।


