ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में ग्रहण को महत्वपूर्ण बताया गया है यह एक अशुभ घटना होती है जिस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्यों को नहीं किया जाता है इस दौरान कुछ विशेष कार्यों को करने की मनाही भी होती है ग्रहण काल में नियमों का पालन करना बहुत जरूरी होता है इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने वाला है जो कि हर बार के ग्रहण से अलग होने वाला है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि 54 सालों के बाद इस बार पूर्ण सूर्य ग्रहण लगने वाला है। आपको बता दें कि इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा साल के पहले सूर्य ग्रहण से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 और 9 अप्रैल की मध्यम रात से लगेगा। सूर्य ग्रहण की शुरुआत 8 अप्रैल की रात 9 बजकर 12 मिनट से हो जाएगा जो कि 1 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। इसका खग्रास की शुरुआत रात को 10 बजकर 10 मिनट से होगी। खग्रास की समाप्ति मध्य रात को 1 बजकर 25 मिनट पर होगी। लेकिन सूर्य ग्रहण की समाप्ति 2 बजकर 22 मिनट पर होगी।
सूतक काल का समय—
जहां सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल की रात से शुरू हो रहा है लेकिन इसके 12 घंटे पहले से ही सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है और नियमों का पालन करना भी जरूरी होता है ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को खास कर ध्यान रखने की जरूरत होती है।