2 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण, कब करें पितरों का श्राद्ध और पिंडदान?
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को खास माना गया है जो कि हर माह में एक बार आती है अभी पितृपक्ष चल रहा है और इसका समापन सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर हो जाएगा। जो कि इस बार 2 अक्टूबर दिन बुधवार यानी कल मनाई जा रही है
इस दिन लोग अपने पूर्वजों को याद कर उनका श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न हो जाते हैं लेकिन इस साल सर्व पितृ अमावस्या पर साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग रहा है तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे हैं कि सर्वपितृ अमावस्या पर किस समय पितरों का श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जा सकता है तो आइए जानते हैं।
सूर्य ग्रहण लगने की तारीख और समय—
आपको बता दें कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कल यानी 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है यह सूर्य ग्रहण रात के 9 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर 3 अक्टूबर को 3 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में कुछ सावधानियां भी बरतना जरूरी है। बता दें कि इस बार सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण रात को लग रहा है जो कि भारत में दिखाई नहीं पड़ेगा। भारत में सूर्य ग्रहण न दिखने के कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। भारत में ग्रहण न दिखने के कारण इससे जुड़े कोई भी नियम यहां मान्य नहीं होंगे। ऐसे में साधक अपने पूर्वजों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर बिना संकोच के कर सकते हैं लेकिन बता दें कि सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर पितरों का श्राद्ध, तर्पण कल सुबह 11 बजकर 30 मिनट से पहले ही कर लेना बेहतर होगा।