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Shukra pradosh vrat aarti and mantra: प्रदोष व्रत की पूजा में आज जरूर पढ़ें ये आरती और मंत्र, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आज यानी 26 मार्च दिन शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत किया जा रहा हैं आज के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती हैं मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से जातक को शिव की कृपा प्राप्त होती हैं साथ ही अगर
Shukra pradosh vrat aarti and mantra: प्रदोष व्रत की पूजा में आज जरूर पढ़ें ये आरती और मंत्र, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

हिंदू धर्म में व्रत त्योहारों को विशेष महत्व दिया जाता हैं वही आज यानी 26 मार्च दिन शुक्रवार को शुक्र प्रदोष व्रत किया जा रहा हैं आज के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती हैंShukra pradosh vrat aarti and mantra: प्रदोष व्रत की पूजा में आज जरूर पढ़ें ये आरती और मंत्र, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल मान्यता है कि शुक्र प्रदोष व्रत करने से जातक को शिव की कृपा प्राप्त होती हैं साथ ही अगर जातक सच्चे मन से यह व्रत करे तो उसकी सभी कामनाएं भी पूरी हो जाती हैं जो शुक्र प्रदोष व्रत करते हैं उन्हें कोई कष्ट या रोग नहीं होता हैंShukra pradosh vrat aarti and mantra: प्रदोष व्रत की पूजा में आज जरूर पढ़ें ये आरती और मंत्र, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल मान्यताओं के मुताबिक शुक्र प्रदोष व्रत की महिमा अत्याधिक हैं। इस दिन व्रत और पूजन करते समय जातक को भगवान भोलेनाथ की आरती और मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शिव के मंत्र और आरती, तो आइए जानते हैं।Shukra pradosh vrat aarti and mantra: प्रदोष व्रत की पूजा में आज जरूर पढ़ें ये आरती और मंत्र, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

भगवान शिव के मंत्र—

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

ॐ नमः शिवाय।

ॐ आशुतोषाय नमः।Shukra pradosh vrat aarti and mantra: प्रदोष व्रत की पूजा में आज जरूर पढ़ें ये आरती और मंत्र, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

पढ़ें भगवान शिव की आरती—

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥Shukra pradosh vrat aarti and mantra: प्रदोष व्रत की पूजा में आज जरूर पढ़ें ये आरती और मंत्र, मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

 

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