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Shri surya stuti path: रोजाना करें श्री सूर्य स्तुति का पाठ, जीवन में मिलेगी सफलता

हिंदू धर्म में सूर्य को देवता माना गया हैं इनकी पूजा आराधना बहुत ही लाभकारी होती हैं धरती पर सूर्यदेव को प्रत्यक्ष भगवान कहा गया हैं रोजाना सूर्यदेव की पूजा की जाती हैं शास्त्र अनुसार सूर्य देव को जल अर्पित करने से जातक को जीवन में सफलता, शांति और शकित प्राप्त होती हैं सूर्य को
Shri surya stuti path: रोजाना करें श्री सूर्य स्तुति का पाठ, जीवन में मिलेगी सफलता

हिंदू धर्म में सूर्य को देवता माना गया हैं इनकी पूजा आराधना बहुत ही लाभकारी होती हैं धरती पर सूर्यदेव को प्रत्यक्ष भगवान कहा गया हैं रोजाना सूर्यदेव की पूजा की जाती हैं शास्त्र अनुसार सूर्य देव को जल अर्पित करने से जातक को जीवन में सफलता, शांति और शकित प्राप्त होती हैं Shri surya stuti path: रोजाना करें श्री सूर्य स्तुति का पाठ, जीवन में मिलेगी सफलतासूर्य को वेदों में जगत की आत्मा भी कहा जाता हैं इनसे ही पृथ्वी पर जीवन हैं ज्योतिष अनुसार हर ग्रह की परिभाषा अलग होती हैं कथाओं के मुताबिक सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु नौ ग्रहों में गिने जाते हैंShri surya stuti path: रोजाना करें श्री सूर्य स्तुति का पाठ, जीवन में मिलेगी सफलता सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के काम किए जाते हैं जिनमें सूर्य देव को अर्घ्य देना भी शामिल हैं। ऐसा कहा जाता हैं कि प्रभु श्रीराम भी रोजाना सूर्य देवता की पूजा करते थे। Shri surya stuti path: रोजाना करें श्री सूर्य स्तुति का पाठ, जीवन में मिलेगी सफलतासूर्यदेव की पूजा करते वक्त जातक को मंत्रों का जाप करना चाहिए। साथ ही सूर्यदेव की स्तुति का पाठ भी करना चाहिए। सूर्यदेव की पूजा करने से उन्हें जल्दी प्रसन्न किया जा सकता हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं श्री सूर्य स्तुति पाठ।Shri surya stuti path: रोजाना करें श्री सूर्य स्तुति का पाठ, जीवन में मिलेगी सफलता

यहां पढ़ें श्री सूर्य स्तुति पाठ—

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन ।।

त्रिभुवन-तिमिर-निकन्दन, भक्त-हृदय-चन्दन॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सप्त-अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।

दु:खहारी, सुखकारी, मानस-मल-हारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सुर-मुनि-भूसुर-वन्दित, विमल विभवशाली।

अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सकल-सुकर्म-प्रसविता, सविता शुभकारी।

विश्व-विलोचन मोचन, भव-बन्धन भारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

कमल-समूह विकासक, नाशक त्रय तापा।

सेवत साहज हरत अति मनसिज-संतापा॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

नेत्र-व्याधि हर सुरवर, भू-पीड़ा-हारी।

वृष्टि विमोचन संतत, परहित व्रतधारी॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।

सूर्यदेव करुणाकर, अब करुणा कीजै।

हर अज्ञान-मोह सब, तत्त्वज्ञान दीजै॥

जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।।Shri surya stuti path: रोजाना करें श्री सूर्य स्तुति का पाठ, जीवन में मिलेगी सफलता

 

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