"Shardiya Navratri 2025" शारदीय नवरात्र के पहले दिन क्यों बोए जाते हैं जौ? यहां जानें धार्मिक महत्व
शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर यानी कल से शुरू हो गई है। 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व का समापन 1 अक्टूबर, बुधवार महानवमी को कन्या पूजन के साथ होगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। नवरात्रि के दिनों में लोग अपने घरों में अखंड ज्योति जलाकर मां जगदंबा या मां दुर्गा की पूजा करते हैं।
नवरात्रि में पूजा और व्रत के अलावा कलश स्थापना और जौ बोने का भी बहुत महत्व है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना यानी कलश स्थापित किया जाता है और जौ बोए जाते हैं। नवरात्रि में मिट्टी के बर्तनों में जौ बोने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। मान्यता है कि इसके बिना मां दुर्गा की पूजा अधूरी रहती है। तो आइए जानते हैं नवरात्रि में जौ उगाने का क्या महत्व है और जौ कैसे उगाए जाते हैं। नवरात्रि में जौ उगाने का क्या महत्व है?
शारदीय नवरात्रि में जौ बोना बहुत शुभ और लाभकारी माना जाता है। इससे न केवल आपके घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है बल्कि मां दुर्गा की विशेष कृपा भी आप पर बनी रहती है। इसे हम जौ जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जौ को संसार का प्रथम अन्न माना जाता है, इसे ब्रह्मा का स्वरूप भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि अन्य सभी अनाजों की उत्पत्ति इसी जौ से हुई है। चूँकि ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, इसलिए जौ को ब्रह्मा का स्वरूप माना जाता है। जौ बोते समय ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। बिना उचित पानी या अत्यधिक पानी के जौ नहीं उगता। जौ आमतौर पर 2 से 3 दिनों में अंकुरित हो जाता है। अगर यह अंकुरित न हो, तो इसे अशुभ माना जाता है।
जौ कैसे उगाई जाती है? नवरात्रि के पहले दिन, सबसे पहले आपको एक खुले मुँह वाला मिट्टी का घड़ा लेना है। इसमें साफ़ पवित्र मिट्टी डालें। अब इस मिट्टी में जौ के दाने डालें। इसके बाद हल्के हाथ से पानी दें। ध्यान रहे कि पानी ज़्यादा न डालें, मिट्टी के अनुसार थोड़ा-थोड़ा करके पानी दें ताकि मिट्टी नम रहे, ज़्यादा गीली न हो। अब इस घड़े को उसी स्थान पर रखें जहाँ आपने माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र रखा है। गमले की मिट्टी को रोज़ाना थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर नम रखें और नौ दिनों तक उसकी देखभाल करें। आप देखेंगे कि जौ धीरे-धीरे अंकुरित होकर बढ़ने लगेगा। विज्ञापन
जौ के हरे होने के संकेत
जौ का भाड़ना में गर में जौ का भाड़ना सुख-समृद्धि में वृद्धि करता है। नवरात्रि के इस पावन अवसर पर ऐसा करने से माँ दुर्गा की विशेष कृपा आप पर बनी रहती है। कई मंदिरों में भी यही परंपरा है जहाँ जौ बोया जाता है। अगर आप खुद जौ की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं, तो आप अपने नज़दीकी मंदिर में पंडित जी से जौ बोने के लिए कह सकते हैं और उन्हें इसकी देखभाल के लिए थोड़ी दक्षिणा भी दे सकते हैं।

