Maa kalratri aarti: नवरात्रि का सातवां दिन, आज इस आरती से करें मां कालरात्रि की पूजा
नवरात्रि का महापर्व चल रहा हैं नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां भवानी के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना की जाती हैं मान्यताओं के मुताबिक दुर्गा मां की पूजा का सातवां दिन भी नवरात्रि के दिनों में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहते हैं मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली देवी हैं इस कारण इनका नाम कालरात्रि पड़ गया। देवी कालरात्रि तीन नेत्रों वाली माता हैं उनके सभी अंग बिजली के समान विराल हैं यह काले रंग और अपने विशाल बालों को फैलाए हुए चार भुजाओं वाली दुर्गा मां हैं। सिंह के कंधे पर सवार मां कालरात्रि का विकराल रूप अद्भुत हैं और इनकी सवारी गधा हैं जो देवी कालरात्रि को लेकर इस संसार से बुराई का सर्वनाश कर रहा हैं देवी कालरात्रि अपने हाथ में चक्र, गदा, तलवार, धनुष, पाश और तर्जनी मुद्रा धारण किए हुए हैं और देवी मां के माथे पर चन्द्रमा का मुकुट हैं तो आज हम आपको नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की आरती बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए मां कालरात्रि की आरती—
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥
खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥
सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥
तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥