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सावन शिवरात्रि पर भद्रा का साया, जानिए कब कर सकते हैं महादेव का जलाभिषेक

सावन शिवरात्रि का पावन पर्व हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि 23 जुलाई दिन बुधवार को है। महाशिवरात्रि के बाद सावन शिवरात्रि भोलेनाथ की पूजा के लिए सबसे बड़ा दिन माना जाता है। वैसे तो...
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सावन शिवरात्रि का पावन पर्व हर साल सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल सावन शिवरात्रि 23 जुलाई दिन बुधवार को है। महाशिवरात्रि के बाद सावन शिवरात्रि भोलेनाथ की पूजा के लिए सबसे बड़ा दिन माना जाता है। वैसे तो पूरे सावन माह में हर दिन शिव की पूजा की जाती है, लेकिन सावन शिवरात्रि विशेष फलदायी होती है। इस दिन शिव भक्त महादेव पर जल चढ़ाते हैं और सुख, समृद्धि, शांति आदि के लिए रुद्राभिषेक करते हैं। आइए जानते हैं सावन शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का समय, रुद्राभिषेक मुहूर्त और पूरे दिन के शुभ मुहूर्त।

सावन शिवरात्रि का मुहूर्त और योग

श्रावण कृष्ण चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ: 23 जुलाई, बुधवार, 4:39 एएम से
श्रावण कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समापन: 24 जुलाई, गुरुवार, 2:28 एएम पर
सावन शिवरात्रि निशिता मुहूर्त: देर रात 12:07 ए एम से 12:48 ए एम तक
सूर्योदय: प्रात: 5 बजकर 37 मिनट पर
सूर्यास्त: शाम 7 बजकर 17 मिनट पर
व्याघात योग: प्रात:काल से लेकर दोपहर 12 बजरक 34 मिनट तक
आर्द्रा नक्षत्र: प्रात:काल से लेकर शाम 5 बजकर 54 मिनट तक

सावन शिवरात्रि पर जल चढ़ाने का मुहूर्त

इस साल 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव को जल चढ़ाने का मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त से ही शुरू हो जाएगा. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त 4:15 AM से 4:56 AM तक रहेगा. इस समय से शिव मंदिरों पर शिवलिंग के जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ लग जाती है. ब्रह्म मुहूर्त से लेकर पूरे दिन शिव जी को जल चढ़ाने का कार्यक्रम चलता है। राहुकाल में अन्य देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जाती, लेकिन राहुकाल में भगवान शिव की पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। सावन शिवरात्रि के दिन कांवड़ यात्री विशेष रूप से महादेव का जलाभिषेक करते हैं।

सावन शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का मुहूर्त

रुद्राभिषेक उस दिन किया जाता है जिस दिन शिववास होता है। शास्त्रों के अनुसार, शिववास पूरे सावन माह में होता है, इसलिए आप पूरे सावन में रुद्राभिषेक कर सकते हैं। सावन शिव का प्रिय महीना है, इसलिए सावन शिवरात्रि महादेव की पूजा के लिए सबसे अच्छा दिन है। यदि आप सावन शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक करना चाहते हैं तो सूर्योदय के बाद रुद्राभिषेक कर सकते हैं। सावन शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करना शिव कृपा पाने और अपनी मनोकामनाओं को पूरा करने का सबसे अच्छा उपाय है।

सावन शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

इस बार सावन शिवरात्रि पर अभिजित मुहूर्त नहीं है। प्रातःकाल 04:36 से 05:37 बजे तक। उस दिन अमृत काल 08:32 से 10:02 बजे तक है। विजय मुहूर्त दोपहर 02:44 से 03:39 बजे तक है। संध्याकाल 07:17 से 08:20 बजे तक और गोधूलि मुहूर्त 07:17 से 07:38 बजे तक है।

सावन शिवरात्रि कालसर्प दोष पूजा का समय

सावन शिवरात्रि के दिन राहुकाल में कालसर्प दोष की पूजा की जाती है। सावन शिवरात्रि पर राहुकाल का समय दोपहर 12:27 से 2:10 बजे तक है। राहु और केतु के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए राहुकाल में भोलेनाथ की पूजा करें। शिवजी की कृपा से आपके कष्ट दूर होंगे।

सावन शिवरात्रि पर भद्रा

इस बार सावन शिवरात्रि पर सूर्योदय के समय से ही भद्रा लग जाएगी। ऐसे में भद्रा सुबह 5 बजकर 37 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 31 मिनट तक रहेगी। इस भद्रा का वास स्वर्ग में है, इसलिए इसका पृथ्वी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होगा। सावन शिवरात्रि पर आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। हालाँकि, भद्रा, राहुकाल आदि शिव पूजा में बाधा नहीं डालते हैं।

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