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Rukmini ashtami 2021: आज मनाई जा रही रुक्मि​णी अष्टमी, जानिए इस दिन का महत्व

आज यानी 6 जनवरी दिन बुधवार को रुक्मिणी अष्टमी का पर्व देशभर में मनाया जा रहा हैं हर साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी मनाई जाती हैं इस दिन देवी रुक्मिणी का जन्म हुआ था। देवी रुक्मिणी भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी थी। वही रुक्मिणी अष्टमी को हिंदू धर्म
Rukmini ashtami 2021: आज मनाई जा रही रुक्मि​णी अष्टमी, जानिए इस दिन का महत्व

आज यानी 6 जनवरी दिन बुधवार को रुक्मिणी अष्टमी का पर्व देशभर में मनाया जा रहा हैं हर साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रु​क्मिणी अष्टमी मनाई जाती हैं इस दिन देवी रुक्मिणी का जन्म हुआ था। देवी रुक्मिणी भगवान श्रीकृष्ण की पहली पत्नी थी। वही रुक्मिणी अष्टमी को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता हैंRukmini ashtami 2021: आज मनाई जा रही रुक्मि​णी अष्टमी, जानिए इस दिन का महत्व ग्रंथों में देवी रुक्मिणी को माता लक्ष्मी का अवतार माना गया हैं इस दिन सच्चे मन से भगवान कृष्ण और देवी रुक्मिणी की पूजा आराधना करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती हैं, तो आज हम आपको रुक्मिणी अष्टमी के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।Rukmini ashtami 2021: आज मनाई जा रही रुक्मि​णी अष्टमी, जानिए इस दिन का महत्व

शास्त्र अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को हुआ था, राधा का जन्म भी अष्टमी तिथि को हुआ था और देवी रुक्मिणी भी अष्टमी तिथि को उत्पन्न हुई थी। इस वजह से अष्टमी तिथि बहुत ही शुभ होती है इस दिन जो भी जातक भगवान कृष्ण, देवी रुक्मिणी और उनके पुत्र प्रद्युम्न की विधि विधान से पूजा करता हैं उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं और घर में धन की वृद्धि होती हैं। जानिए रुक्मिणी अष्टमी की पूजन विधि।Rukmini ashtami 2021: आज मनाई जा रही रुक्मि​णी अष्टमी, जानिए इस दिन का महत्व

जानिए पूजन विधि—
आपको बता दे कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। उसके बाद पूजा स्थल को गंगा जल से पवित्र करें और चौकी पर साफ कपड़ा बिछाएं। भगवान श्रीकृष्ण और माता रुक्मिणी की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। दक्षिणावर्ती शंख में जल लें और उससे भगवान श्रीकृष्ण और मां रुक्मिणी का अभिषेक करें। उसके बाद श्रीकृष्ण को पीले और देवी रुक्मिणी को लाल वस्त्र धारण कराएं। फिर भगवान और देवी रुक्मिणी को तिलक लगाएं और हल्दी, इत्र और पुष्प से पूजन करें। पूजनके समय कृष्ण मंत्र और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का उच्चारण करें। उसके पश्चात तुलसी मिश्रित खीर से दोनों को भोग लगाएं। शाम को श्रीकृष्ण और मां रुक्मिणी की आरती करें फलाहार ग्रहण करें। अगले दिन नवमी पर गरीबों को भोजन कराएं।Rukmini ashtami 2021: आज मनाई जा रही रुक्मि​णी अष्टमी, जानिए इस दिन का महत्व

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