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भगवान शनिदेव की पूजा के समय पढ़ें ये व्रत कथा, कुंडली से समाप्त होगा शनि दोष 

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ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता है वही शनिवार का दिन भगवान श्री शनिदेव की पूजा अर्चना को समर्पित होता है इस दिन भक्त प्रभु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से शनि महाराज का आशीर्वाद मिलता है

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लेकिन इसी के साथ ही अगर आज शनिवार के दिन पूजा के दौरान शनि और हनुमान जी से जुड़ी पौराणिक कथा का पाठ किया जाए तो शनि के साथ साथ हनुमान जी भी शीघ्र प्रसन्न होकर अपनी कृपा करते हैं और सभी दुख परेशानियों को हर लेते हैं इसके अलावा कुंडली दोष भी समाप्त हो जाता है, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शनिदेव से जुड़ी कथा। 

शनिदेव से जुड़ी पौराणिक कथा—
पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन समय में शनिदेव को अपनी शक्ति पर घमंड हो गया था. जब उन्हें मालुम हुआ कि हनुमानजी भी बहुत शक्तिशाली हैं तो शनिदेव उनसे युद्ध करने पहुंच गए. शनिदेव ने हनुमानजी को ललकारा. उस समय वे अपने आराध्य प्रभु श्रीराम का ध्यान कर रहे थे.

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हनुमानजी भी क्रोधित हो गए
हनुमानजी ने शनि को लौट जाने के लिए कहा लेकिन शनि युद्ध के लिए बार-बार उन्हें ललकार रहे थे. हनुमानजी भी क्रोधित हो गए और युद्ध के लिए तैयार हो गए. दोनों के बीच युद्ध शुरू हो गया. हनुमानजी ने शनिदेव पर ऐसे प्रहार किएए जिनसे वे बच नहीं सके और घायल हो गए. इसके बाद शनि ने क्षमा याचना की. हनुमानजी ने क्षमा किया और घावों पर लगाने के लिए तेल दिया. तेल लगाते ही शनि के घाव ठीक हो और दर्द खत्म हो गया. शनि ने हनुमानजी से कहा अब जो भी भक्त आपकी पूजा करेंगे उन्हें शनि के दोष का सामना नहीं करना पड़ेगा. तभी से शनि के साथ ही हनुमानजी की पूजा करने की परंपरा शुरू हो गई.

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एक अन्य कथा के मुताबिक शनि को रावण की कैद से हनुमान जी ने निकाला था ऐसे में शनि कैद में मिले घावों से शनिदेव को दर्द का अहसास हो रहा था. इसे देखते हुए हनुमानजी ने शनिदेव को घावों पर लगाने के लिए तेल दिया. तेल लगाते ही शनि के घाव ठीक हो और दर्द खत्म हो गया. शनि ने हनुमानजी से कहा अब जो भी भक्त आपकी पूजा करेंगे उन्हें शनि के दोष का सामना नहीं करना पड़ेगा. तभी से शनि के साथ ही हनुमानजी की पूजा करने की परंपरा शुरू हो गई.

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