Ratha saptami puja vidhi: रथ सप्तमी पर आज इस विधि से करें सूर्य नारायण की उपासना, बनी रहेगी की कृपा
आज यानी 19 फरवरी दिन शुक्रवार को रथ सप्तमी का त्योहार मनाया जाएगा। आज के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती हैं रथ सप्तमी, माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को आती हैं हिंदू धर्म परंपरा के मुताबिक यह दिन सूर्य उपासना के महापर्व के तौर पर मनाया जाता हैं।
इस दिन को माघ सप्तमी या माघ जयंती के नाम से भी जाना जाता हैं यह पर्व बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा के दो दिन बाद मनाया जाता हैं इस दिन अगर स्नान किया जाए तो जातक को रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं साथ ही पापों का भी नाश होता हैं इसके अलावा दीर्घायु जीवन की भी प्राप्ति होती हैं यही कारण है कि इस दिन को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता हैं तो आज हम आपको इस दिन पूजा आराधना और अनुष्ठान के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
आपको बता दें कि रथ सप्तमी की पहले की संध्या को पर अरुणोदय के समय जगे रहना और स्नान करना बहुत जरूरी हैं यह बहुत महत्वपूर्ण माना गया हैं स्नान के बाद नमस्कार और मुद्रा में सूय्रदेव को जल से अर्घ्य दें। अगर संभव हो तो सूर्य नारायण को पवित्र नदियों के जल से अर्घ्य दें। यह अनुष्ठान तब पूरा माना जाता हैं।
जब सूर्यदेव के अलग अलग नामों का स्मरण किया जाएगा। इन नामों का जाप नयूनतम 12 बार किया जाना चाहिए। भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद मिट्टी के दीए लें और उन्हें घी से भर दें। इन्हें जलाएं। इसी को रथ सप्तमी पूजन कहलाता हैं। वही इस अवसर पर गात्री मंत्र का जाप भी करना चाहिए। साथ ही सूर्य सहस्त्रनाम मंत्र का भी जाप करना चाहिए। इसका जाप पूरे दिन करें। मान्यताओं के मुताबिक ऐसा करने से भाग्य परिवर्तन होना शुरु हो जाता हैं।

