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Pradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथा

आज यानी 26 मार्च दिन शुक्रवार को प्रदोष व्रत किया जा रहा हैं यह व्रत बहुत ही खास माना जाता हैं। आज शुक्रवार है और ऐसे में इस व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा हैं पंचांग के मुताबिक आज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि हैं। यह तिथि भगवान भोलेनाथ को
Pradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथा

आज यानी 26 मार्च ​दिन शुक्रवार को प्रदोष व्रत किया जा रहा हैं यह व्रत बहुत ही खास माना जाता हैं। आज शुक्रवार है और ऐसे में इस व्रत को शुक्र प्रदोष व्रत कहा जा रहा हैंPradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथा पंचांग के मुताबिक आज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि हैं। यह तिथि भगवान भोलेनाथ को समर्पित होती हैं इस दिन शिव पूजा की जाती हैं साथ ही उनकी पूजा करते समय व्रत कथा भी पढ़ी जाती हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं शुक्र प्रदोष व्रत कथा, तो आइए जानते हैं।Pradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथा

जानिए शुक्र प्रदोष व्रत कथा—
एक नगर था जिसमें तीन मित्र रहते थे। ये तीन मित्र राजकुमार, ब्राह्मण कुमार और धनिक पुत्र थे। इनमें से राजकुमार और ब्राह्मण कुमार पहले से ही विवाहित थे। वही धनिक पुत्र का विवाह हाल ही में हुआ था। मगर धनिक पुत्र की पत्नी का गौना नहीं हुआ था। एक दिन तीनों मित्र एक साथ बैठे हुए थे और अपनी अपनी स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे। Pradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथाब्राह्मण कुमार ने स्त्रियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि बिना नारी के घर भूतों का डेरा होता हैं। जब यह धनिक पुत्र ने सुना तो उसने फैसला कर लिया कि वह अपनी पत्नी को तुरंत ले आएगा। लेकिन उसकी मां ने उसे समझाया कि अभी शुक्र देव डूबे हुए हैं इस दौरान घर की बहू बेटियों को घर से विदा नहीं कराया जाता है यह अशुभ माना जाता हैंPradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथा मगर वह नहीं माना और ससुराल पहुंच गया। उसके ससुराल वालों ने उसे मनाने की कोशिश की। मगर वो तब भी नहीं माना। सभी ने जिद्द के आगे झुककर विदाई कर दी। दोनों शहर से निकले ही थे कि उनकी बैलगाड़ी का पहिया निकल गया और बैल की टांग टूट गई। दोनों को काफी चोट आई।Pradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथा

फिर वो कुछ दूर चले तो उनका पाला डाकुओं से पड़ गया। वे उनका पूरा धन लूटकर ले गए। फिर दोनों घर पहुंचे तो धनिक पुत्र को सांप ने डस लिया। उसके पिता ने इलाज के लिए वैद्य को बुलाया तो वैद्य ने बताया कि वो तीन दिन में मर जाएगा। जब इस बात का पता ब्राह्मण कुमार को लगा तो वे धनि पुत्र के घर पहुंच गया। Pradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथाउसने उसके माता पिता को शुक्र प्रदोष व्रत करने की सलाह दी। उसने कहा कि इसे पत्नी सहित वापस ससुराल भेज दें। धनिक ने ब्राह्मण की बात मानी और ससुराल पहुंच गया। फिर धीरे धीरे उसकी हालत ठीक हो गई। शुक्र प्रदोष के माहात्म्य से सभी घोर कष्ट दूर हो गए।Pradosh vrat katha: आज है प्रदोष व्रत, पूजा के दौरान पढ़ें ये व्रत कथा

 

 

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