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16 जून को ग्रहों का बदलाव डाल सकता है नकारात्मक असर, 2 मिनट के वीडियो में जाने किन्हें करना होगा गंभीर परेशानियों का सामना 

16 जून को ग्रहों का बदलाव डाल सकता है नकारात्मक असर, 2 मिनट के वीडियो में जाने किन्हें करना होगा गंभीर परेशानियों का सामना 

16 जून 2025 का दिन ज्योतिष की दृष्टि से खास रहने वाला है, क्योंकि ग्रह-नक्षत्रों की चाल और कुछ योग मिलकर अनोखा माहौल बनाएंगे, जो कुछ राशियों के लिए परेशानियों का भंडार खड़ा कर सकता है। इस दिन दोपहर 3:31 बजे तक पंचमी तिथि रहेगी, फिर षष्ठी तिथि शुरू हो जाएगी। दिनभर धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा, जो ऊर्जा और बदलाव का मूड लेकर आएगा। सुबह 11:07 बजे तक वैधृति योग रहेगा और उसके बाद विष्कंभ योग शुरू हो जाएगा। ये दोनों ही योग नए काम की शुरुआत के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। दोपहर 3:31 बजे तक तैतिल करण रहेगा और उसके बाद दिनभर गर करण रहेगा।

ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा दोपहर 1:10 बजे तक मकर राशि में रहेगा, फिर कुंभ राशि में चला जाएगा। यहां राहु पहले से मौजूद है। इससे ग्रहण योग बनेगा, जो कुछ राशियों के लिए तनाव और उलझन लेकर आ सकता है। मिथुन राशि में सूर्य, बुध और बृहस्पति का त्रिग्रही योग बन रहा है। वहीं, मेष राशि में शुक्र, सिंह राशि में मंगल-केतु की जोड़ी और मीन राशि में शनि मौजूद रहेंगे। यह ज्योतिषीय संयोग कुछ राशियों के लिए परेशानी लेकर आ सकता है। आइए जानते हैं किन राशियों के लिए यह दिन ठीक नहीं रहेगा और दिन को बेहतर बनाने के लिए क्या उपाय करें।

कर्क
चंद्रमा और राहु की जोड़ी कर्क राशि के आठवें भाव को प्रभावित करेगी, जिससे अचानक चिंता, स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या अपने किसी रहस्य के बाहर आने का डर रहेगा। मंगल और केतु की जोड़ी कर्क राशि के ग्यारहवें भाव को प्रभावित करेगी, जिससे दोस्तों या पार्टनर के साथ गलतफहमी हो सकती है। वैधृति और विष्कंभ योग मानसिक अस्थिरता और काम में बाधा उत्पन्न कर सकता है। पैसों के लेन-देन में सावधानी बरतें। उपाय: मां दुर्गा को लाल फूल चढ़ाएं और 'ॐ दुं दुर्गाये नमः' मंत्र का 11 बार जाप करें।

तुला
चंद्रमा और राहु की जोड़ी तुला राशि के पांचवें भाव को प्रभावित करेगी, जिससे प्रेम जीवन में तनाव, पढ़ाई में ध्यान न लगना या संतान से जुड़ी चिंता हो सकती है। तुला राशि के 11वें भाव में मंगल और केतु की जोड़ी बनेगी, जिससे सामाजिक दायरे में गलतफहमी या आय में बाधा उत्पन्न हो सकती है। नया काम शुरू करने के लिए विष्कम्भ योग ठीक नहीं है। स्वास्थ्य में पेट से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं। उपाय: भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं और 11 बार 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें।

मकर राशि
दिन के पहले पहर में चंद्रमा मकर राशि में रहेगा और इस राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पहले से ही है, जिससे मानसिक और भावनात्मक दबाव बढ़ेगा। दोपहर 1:10 बजे चंद्रमा के कुंभ राशि में जाने और राहु के साथ ग्रहण योग बनाने के कारण मकर राशि वालों को धन और परिवार से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इससे वित्तीय निर्णयों में उलझन, घर में तनाव या ऑफिस में गलतफहमी हो सकती है। वैधृति और विष्कम्भ योग निर्णय लेने में बाधा डाल सकते हैं, जिससे तनाव बढ़ेगा। सिरदर्द या थकान जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। उपाय: हनुमान जी को लाल फूल चढ़ाएं और 21 बार 'ॐ हुं हनुमते नमः' मंत्र का जाप करें।

कुंभ राशि
चंद्रमा दोपहर 1:10 बजे कुंभ राशि में प्रवेश करेगा और राहु के साथ ग्रहण योग बनाएगा, जिसका सबसे अधिक असर इसी राशि पर पड़ेगा। यह योग मानसिक उलझन, तनाव और अनिश्चितता ला सकता है। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव भी कुंभ राशि पर है, जिससे कार्यस्थल पर परेशानी, सहकर्मियों से झगड़ा या स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव हो सकता है। धनिष्ठा नक्षत्र और विष्कंभ योग जोखिम भरे फैसले और भी कठिन बना सकते हैं। इस दिन यात्रा या नया काम शुरू करने से बचें। उपाय: भगवान शिव को जल चढ़ाएं और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें। सफेद चंदन का दान करें।

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