
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनानत धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथियों को बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। जो हर माह में पड़ती है अभी चैत्र मास चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन लोग स्नान दान और पूजा पाठ के कार्य करते है। मान्यता है कि ऐसा करने से ईश्वर कृपा प्राप्त होती है और कष्टों का भी समाधान हो जाता है।
इस बार चैत्र अमावस्या 21 मार्च को पड़ रही है जिसे भौम अमावस्या और भूतड़ी अमावस्या के नाम से जाना जा रहा है। इस दिन को पितृदोष दूर करने के लिए भी श्रेष्ठ बताया गया है। ज्योतिष अनुसार अगर किसी की कुंडली में पितृदोष होता है तो जातक का पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है उसे तंगी, असफलता, विवाह में देरी आदि परेशानियों से गुजरना पड़ता है, तो आज हम आपको भौमवती अमावस्या पर किए जाने वाले कुछ उपाय बता रहे है जो पितृदोष निवारण का कार्य करते है।
ज्योतिष की मानें तो अगर किसी की कुंडली में पितृदोष होता है तो व्यक्ति का पूरा जीवन तबाह हो जाता है। परिवार में हमेशा ही कलह अशांति बनी रहती है और लगातार धन हानि का सामना करना पड़ता है। समाज में मान सम्मान की भी हानि होती है। पितृदोष से परिवार के लोगों की तरक्की पर भी विराम लग जाता है।
संतान के विवाह, वंश वृद्धि में भी रुकावटें आने लगती है। इसके कारण कार्यों में बार बार प्रयास के बाद भी अड़चन और असफलता मिलती है। ऐसे में इन सबसे छुटकारा पाने के लिए आप 21 मार्च यानी भौमवती अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान जरूर करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों की नााराजगी दूर हो जाती है और जीवन में सुख समृद्धि व शांति के साथ साथ तरक्की के भी योग बनते है।