ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हस्त रेखा ज्ञान
हस्त रेखा ज्ञान काफी कायदे का ज्ञान हैं।हाथो की लकीरे देखकर हस्त रेखा विशेषज्ञ बता सकते है कि आपके साथ क्या होने वाला हैं। लेकिन व्यक्ति को अपनी हस्त रेखा पर पूर्ण रुप से आश्रित नही रहना चाहिए क्योंकि कर्मो के अनुसार व्यक्ति का भाग्य बदलता रहता हैं।
जो रेखा अंगुठे के ठीक नीचे शुक्र पर्वत होता हैं, वही जीवन रेखा कहलाती हैं। यह रेखा इंडेक्स फिंगर के ठीक नीचे स्थिर गुरु पर्वत के आस पास से प्रारंभ होकर हथेली के अंत मणिबंध की और जाती हैं। छोटी जीवन रेखा कम उम्र और लंबी जीवन रेखा लंबी उम्र की ओर इशारा करती हैं।

यदि जीवन रेखा टूटी हो तो वह अशुभ मानी जाती हैं।लेकिन उसके साथ ही कोई अन्य रेखा समानांतर रुप से चल रही हो तो इसका अशुभ प्रभाव को नष्ट कर देती हैं। यदि मस्तिष्क रेखा (मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा लगभग एक ही स्थान से प्रारंभ होती है) और जीवन रेखा के मध्य थोड़ा अंतर हो तो व्यक्ति स्वतंत्र विचारों वाला होता है। यदि मस्तिष्क रेखा और जीवन रेखा के मध्य अधिक अंतर हो तो व्यक्ति बिना सोच-विचार के कार्य करने वाला होता है।
यदि जीवन रेखा से कोई शाखा गुरु पर्वत क्षेत्र (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाले भाग को गुरु पर्वत कहते हैं।) की ओर उठती दिखाई दे या गुरु पर्वत में जा मिले तो इसका अर्थ यह समझना चाहिए कि व्यक्ति को कोई बड़ा पद या व्यापार-व्यवसाय में तरक्की प्राप्त होती है। जीवन रेखा पर वर्ग का चिन्ह हो तो यह व्यक्ति के जीवन की रक्षा करता हैं। आयु के संबंधी मे जीवन रेखा के साथ ही स्वास्थ्य रेखा ,ह्रदय रेखा,मस्तिष्क रेखा और अन्य छोटी छोटी रेखाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए।

