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हरियाली अमावस्या के दिन इन स्थानों पर जरूर जलाएं दीपक, पितृ प्रसन्न हो बरसाएंगे कृपा

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हरियाली अमावस्या, जो कि वर्ष 2025 में 24 जुलाई को मनाई जाएगी, हिंदू धर्म में पितृ पूजा का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति और उनके आशीर्वाद के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। तर्पण, स्नान, दान और खासकर दीपक जलाने का विधान इस दिन विशेष फलदायक माना जाता है। वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरियाली अमावस्या पर दीपक जलाने के कुछ खास स्थान हैं, जहां दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है और इससे पितृदोष दूर होकर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

आइए जानते हैं कि इस पावन दिन दीपक जलाने के लिए कौन-कौन से स्थान सबसे उपयुक्त माने गए हैं:

1. दक्षिण दिशा में दीपक जलाएं

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को पितरों का निवास स्थान माना जाता है। इस दिशा में चौमुखी दीपक जलाना बेहद शुभ होता है। हरियाली अमावस्या के दिन दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से पितरों की कृपा मिलती है और घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है। चौमुखी दीपक की ज्योति से अंधकार दूर होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

2. ईशान कोण में दीपक जलाना

ईशान कोण को ईश्वर की दिशा माना जाता है। इस दिशा में दीपक जलाने से न केवल पितृ देवताओं का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि देवी-देवताओं की भी कृपा बनी रहती है। सावन अमावस्या के दिन ईशान कोण में दीपक जलाना शुभ कार्यों की सफलता और घर-परिवार की खुशहाली का संकेत होता है। यह दिशा पवित्र ऊर्जा का केंद्र होती है, इसलिए यहां दीपक जलाना अत्यंत फलदायक माना जाता है।

3. पीपल के वृक्ष के पास दीपक जलाएं

पीपल का पेड़ पितृ देवताओं का निवास स्थान माना जाता है। इसीलिए हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है। दीपक जलाने के बाद पीपल वृक्ष की सात परिक्रमा करना भी धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और आपके जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। पीपल के पेड़ को जल, दूध, पंचामृत अर्पित करना भी फलदायक होता है।

4. शिव मंदिर में दीपक जलाएं

सावन मास भगवान शिव को समर्पित होता है, इसलिए सावन के महीने में विशेष रूप से शिवजी की पूजा की जाती है। हरियाली अमावस्या के दिन किसी शिव मंदिर में जाकर दीपक जलाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। शिवजी सभी जीवों के पालनहार हैं और उनके प्रति भक्ति से पितृ देवता भी प्रसन्न होते हैं। शिव मंदिर में दीपक जलाकर आप अपनी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं और पितृ कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

5. पवित्र नदी में दीपदान करें

हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में दीपदान करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। यह कर्म पितृ देवताओं की आत्मा को तृप्ति प्रदान करता है और जीवन में खुशहाली, समृद्धि एवं सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है। दीपदान करने से न केवल पितृदोष का निवारण होता है बल्कि आत्मिक शांति भी मिलती है। यदि संभव हो तो गंगा, यमुना या किसी अन्य पवित्र नदी में जाकर दीपक जलाना चाहिए।

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