Samachar Nama
×

शुक्रवार के दिन इन उपायों से दूर होंगी जीवन की समस्याएं, घर आएगी खुशहाली

www.samacharnama.com

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: ​हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा अर्चना को समर्पित किया गया है वही शुक्रवार का दिन धन, वैभव और सुख समृ​द्धि की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित होता है इस दिन भक्त देवी मां की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं

Do these easy upay on Friday puja 

माना जाता है कि ऐसा करने से देवी की कृपा बरसती है लेकिन इसी के साथ ही अगर आज सच्चे मन से श्री महालक्ष्मी चालीसा का पाठ किया जाए तो जीवन की समस्याओं का अंत हो जाता है और खुशहाली का प्रवेश घर में होता हैं। 

Do these easy upay on Friday puja 

श्री महालक्ष्मी चालीसा 

|| दोहा ॥

जय जय श्री महालक्ष्मी करूँ मात तव ध्यान ।
सिद्ध काज मम कीजिए निज शिशु सेवक जान ॥

॥ चोपाई ॥

नमो महालक्ष्मी जय माता |
तेरो नाम जगत विख्याता ॥ 1 ॥

आदि शक्ति हो मात भवानी |
पूजत सब नर मुनि ज्ञानी ॥ 2 ॥

जगत पालिनी सब सुख करनी |
निज जनहित भण्डारन भरनी ॥ 3 ॥

श्वेत कतल दल पर तव आसन |
मात सुशोभित है पदमासन ॥ 4 ॥

श्वेताम्बर अरु श्वेता भूषन |
श्वेतहि श्वेत सुसज्जित पुष्पन ॥ 5 ॥

शीश छत्र अति रूप विशाला |
गल सौहे मुक्तन की माला ॥ 6 ॥

सुंदर सोहे कुंचित केशा |
विमल नयन अरु अनुपम भेषा ॥ 7 ॥

कमलनाल समभुज तवचारी |
सुरनर मुनि जनहित सुखकारी ॥ 8 ॥

अदभुत छटा मात तव बानी |
सकलविश्व कीन्हो सुखखानी ॥ 9 ॥

शांतिस्वभाव मृदुल तव भवानी |
सकल विश्व की हो सुखखानी ॥ 10 ॥

महालक्ष्मी धन्य हो माई |
पंच तत्व में सृस्टि रचाई ॥ 11 ॥

जीव चराचर तुम उपजाए |
पशु पक्षी नर नारि बनाए ॥ 12 ॥

क्षितितल अगणित वृक्ष जमाए |
अमित रंग फल फूल सुहाए ॥ 13 ॥

छवि बिलोकि सुरमुनि नरनारी |
करे सदा तव जय जयकारी ॥ 14 ॥

सुरपति औ नरपत सब ध्यावैं |
तेरे सम्मुख शीश नवावैं ॥ 15 ॥

चारहु वेदन तव यश गाया |
महिमा अगम पार नहीं पाया ॥ 16 ॥

जापर करहु मातु तुम दाया |
सोई जग में धन्य कहाया ॥ 17 ॥

पल में राजाहि रंक बनाओ |
रंक राव कर विलम्ब न लाओ ॥ 18 ॥

जिन घर करहु मात तुम बासा |
उनका यश हो विश्व प्रकाशा ॥ 19 ॥

ओ ध्यावै सो बहु सुख पावै |
विमुख रहै जो दुःख उठावै ॥ 20 ॥

महालक्ष्मी जन सुख दाई |
ध्याऊँ तुमको शीश नवाई ॥ 21 ॥

निजजन जानि मोहिं अपनाओ |
सुख सम्पत्ति दे दुःख नसाओ ॥ 22 ॥

ॐ श्री श्री जय सुख की खानी |
रिद्धि सिद्धि देउ मात जनजानी ॥ 23 ॥

ॐ ह्रीं ॐ ह्रीं सब ब्याधि हटाओ |
जनउन बिमल दृष्टि दर्शाओ ॥ 24 ॥

ॐ क्लीं ॐ क्लीं शत्रुन क्षय कीजै |
जनहित मात अभय वर दीजै ॥ 25 ॥

ॐ जय जयति जय जननी |
सकल काज भक्तन के सरनी ॥ 26 ॥

ॐ नमो नमो भवनिधि तारनी |
तरणि भंगर से पार उतारनी ॥ 27 ॥

सुनहु मात यह विनय हमारी |
पुरवहु आशन करहु अबारी ॥ 28 ॥

Do these easy upay on Friday puja 

ऋणी दुःखी जो तुमको ध्यावै |
सो प्राणी सुख सम्पत्ति पावै ॥ 29 ॥

रोग ग्रसित जो ध्यावै कोई |
ताकी निर्मल काया होई ॥ 30 ॥

विष्णु प्रिया जय जय महारानी |
महिमा अमित न जाय बखानी ॥ 31 ॥

पुत्रहीन जो ध्यान लगावै |
पाये सुत अतिहि हलसावै ॥ 32 ॥

त्राहि त्राहि शरणागत तेरी |
करहु मात अब नेक न देरी ॥ 33 ॥

आवहु मात विलम्ब न कीजै |
हृदय निवास भक्त बर दीजै ॥ 34 ॥

जानूँ जप तप का नहिं भेवा |
पार करौ भवनिधि बन खेवा ॥ 35 ॥

बिनवों बार बार कर जोरी |
पूरण आशा करहु अब मेरी ॥ 36 ॥

जानि दास मम संकट टारौ |
सकल व्याधि से मोहिं उबारौ ॥ 37 ॥

जो तव सुरति रहै लिव लाई |
सो जग पावै सुयश बड़ाई ॥ 38 ॥

छायो यश तेरा संसारा |
पावत शेष शम्भु नहिं पारा ॥ 39 ॥

गोविंद निशदिन शरण तिहारी |
करहु पुरान अभिलाष हमारी ॥ 40 ॥

॥ दोहा ॥

महालक्ष्मी चालीसा पढ़ै चित लाय |
ताहि पदार्थ मिलै अब कहै वेद अस गाय ॥

Do these easy upay on Friday puja 

Share this story