ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास बताया गया है जो कि हर माह में एक बार पड़ती हैं पंचांग के अनुसार अभी चैत्र का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि पूर्वजों को समर्पित है। इस दिन पितरों का श्राद्ध तर्पण और पिंडदान करना उत्तम माना जाता है मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वज प्रसन्न होकर कृपा करते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है।
इस दिन लोग अपने पूर्वजों को जल, तिल और अन्न अर्पित करते हैं। चैत्र अमावस्या के दिन दान पुण्य करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि लोग अपनी क्षमता के अनुसार गरीबों और जरूरतमंदों को इस दिन दान देते हैं। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करना भी अच्छा माना जाता है ऐसा करने से देवी देवताओं की कृपा बरसती हैं। इस बार चैत्र अमावस्या आज यानी 29 मार्च दिन शनिवार को पड़ी है तो आज हम आपको मुहूर्त और उपाय भी बता रहे हैं।
चैत्र अमावस्या की तारीख—
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र अमावस्या या भूतड़ी अमावस्या तिथि 28 मार्च को रात 7 बजकर 55 मिनट से आरंभ हो चुकी है और अगले दिन यानी 29 मार्च की शाम को 4 बजकर 27 मिनट पर इसका समापन हो जाएगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 29 मार्च यानी आज चैत्र अमावस्या मनाई जा रही है।
चैत्र अमावस्या पर सुबह किसी पवित्र नदी, सरोवर या घर में स्नान करके पितरों का तर्पण करें। अगर संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान जरूर करें। ऐसा करने से पुण्य फलों में वृद्धि होती है। इसके अलावा अमावस्या तिथि पर पितरों के नाम से हवन और श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और वस्त्र, धन का दान जरूर करें ऐसा करने से पूर्वजों की कृपा बरसती है और आर्थिक लाभ मिलता है।