
ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में वैसे तो हर महीने का महत्व होता है लेकिन कार्तिक मास के बाद पड़ने वाला मार्गशीर्ष मास को बेहद ही खास माना गया है जिसका आरंभ कार्तिक पूर्णिमा के बाद से होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास को नौवां महीना माना जाता है यह पावन महीना श्रीकृष्ण की साधना आराधना को समर्पित होता है।
मान्यता है कि जो लोग मार्गशीर्ष माह में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करते हैं उन्हें समस्त सुखों की प्राप्ति होती है साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष भी मिलता है। इसी महीने में भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा मार्गशीर्ष मास से जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
मार्गशीर्ष माह की तारीख—
आपको बता दें कि इस वर्ष मार्गशीर्ष माह 28 नवंबर से शुरू होने वाला है और समापन 26 दिसंबर को हो जाएगा। इसे अगहन माह के नाम से भी जाना जाता हैइसके बाद पौष माह आता है। इस पवित्र महीने में काल भैरव जयंती, उत्पन्ना एकादशी सहित कई बड़े पर्व त्योहार मनाए जाते हैं मार्गशीर्ष मास में ही खरमास भी लगता है।
ज्योतिष अनुसार अगहन महीने में तीर्थ स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और हर तरह के रोग, शोक और दोष से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा महिलाओं के लिए यह स्नान उनके पति की आयु में वृद्धि करता है। इस महीने में शंख पूजन का भी महतव होता है मान्यता है कि इस महीने में शंख की पूजा करने से मनोवाछित फल की प्राप्ति होती है।