जानिए किसे कहते है चौघडिया मुहूर्त
हिंदू धर्म के लोग हर शुभ और मांगलिक कार्य को करने के लिए मुहूर्त देखते हैं वही जब कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो और किसी भी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघडिया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम माना जाता हैं।
वही दिन और रात के आठ आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता हैं यानी की 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 1.30 मिनट का एक चौघड़िया होता हैं चौघड़िया सूर्योंदय से प्रारंभ होता हैं सात चौघड़ियों के बाद पहला चौघड़िया ही आठवां चौघड़ियां माना जाता हैं वही सात वारों के चौघड़िए अलग अलग होते हैं वही सामान्य रूप से श्रेष्ठ चौघड़िए शुभ, चंचल, अमृत और लाभ के माने जाते हैं वही उद्वेग, रोग और काल को नेष्ट माना गया हैं।
वही हर चौघड़िए का ग्रह स्वामी होता हैं जो उस समय में बलप्रधान माना जाता हैं वही उद्वेग का रवि, चंचल का शुक्र, लाभ का बुध, अमृत का चंद्र, काल का शनि, शुभ का गुरु, रोग का मंगल ग्रह स्वामी होता हैं। वही अगर कोई लोहे या तेल से संबंधित व्यापार शुरू कर रहा हैं तो उसके लिए शनि के प्रभाव वाला काल का चौघड़िया उत्तम फलदायी सिद्ध हो सकता हैं
वही उसी तरह किसी मनुष्य को पूर्व दिशा में अगर यात्रा करनी हैं और वह अमृत के चौघड़िए में यात्रा प्रारंभ करता हैं। वह उसके लिए नुकसानदायी सिद्ध होगा। कारण अमृत चौघड़िया का स्वामी चंद हैं और चंद्र पूर्व दिशा में दिशाशूल का कारक माना जाता हैं।

