Kaal bhairav jayanti:शिव के पांचवे रूद्रावतार कालभैरव है सभी सिद्धियों के दाता
आज देशभर में कालाष्टमी या कालभैरव जयंती का पर्व मनाया जा रहा हैं।कालाष्टमी के दिन भगवान भैरव की आराधना करने ने से जातक भयमुक्त हो जाते हैं और उसके जीवन की कई परेशानियां भी दूर होती हैं यह भी कहा गया हैं कि इस दिन भगवान भैरव की पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं
ज्योतिष अनुसार कालभैरव जयंती के दिन भगवान काल भैरव की पूजा की जाती हैं भगवान काल भैरव को शिव का रौद्र रूप माना जाता हैं कालभैरव जयंती सबसे शुभ दिन हैं इस दिन भैरव बाबा की पूजा आराधना की जाती हैं। तो आज हम आपको काल भैरव जयंती से जुड़ी जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं।
आपको बता दें कि कालभैरव जयंती वाले दिन भक्तों को जल्दी उठना चाहिए। इसके बाद भैरव बाबा की पूजा अर्चना करनी चाहिए। इस दिन कुत्तों को भोजना करना चाहिए। साथ ही उन्हें चोट भी नहीं पहुंचानी चाहिए। कथाओं के मुताबिक काल भैरव जयंती के दौरान दिन के समय में सोना नहीं चाहिए। इससे मनुष्य को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता हैं।
काल भैरव की विधिवत पूजा करने से सभी तरह की सिद्धियां मिलती हैं उन्हें तंत्र का देवता माना जाता हैं इसके चलते भूत, प्रेत और बाधा जैसी समस्या के लिए कालभैरव का पूजन किया जाता हैं इस दिन काले कुत्ते को दूध पिलाने से काल भैरव का आर्शीवाद प्राप्त होता हैं। भैरव बाबा को दंड देने वाला देवता भी कहा गया हैं इसलिए उनका हथियार दंडा हैं इस दिन शिव पार्वती की पूजा करने से भी उनकी कृपा प्राप्त होती हैं। 

