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हनुमान जी की साधना करते समय ध्यान रखें ये खास नियम, तभी मिलेगा पूजा का पूरा फल

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हनुमान जी को कलियुग के सबसे जाग्रत देवता माना जाता है। वे रामभक्त, संकटमोचक और अष्टसिद्धि नव निधि के दाता हैं। कहते हैं कि जो भी सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा करता है, उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन कई बार साधना करते समय कुछ नियमों की अनदेखी के कारण भक्त को पूर्ण फल नहीं मिल पाता।

अगर आप हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं तो उनकी साधना करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन ज़रूर करें। ये नियम ना केवल आपकी साधना को सफल बनाते हैं बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सुरक्षा का कवच भी प्रदान करते हैं।

 1. ब्रह्मचर्य का पालन करें

हनुमान जी आजीवन ब्रह्मचारी रहे, इसलिए उनकी पूजा करते समय विशेष रूप से शुद्ध और संयमित जीवनशैली अपनानी चाहिए। साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें, और काम, क्रोध, लोभ जैसे विकारों से दूर रहें।

 2. सफाई और शुद्धता का रखें विशेष ध्यान

हनुमान जी की पूजा में शारीरिक और मानसिक पवित्रता आवश्यक होती है। स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। लाल वस्त्र और लाल आसन पर बैठकर पूजा करना अधिक फलदायी माना जाता है। पूजा स्थान स्वच्छ और शांत होना चाहिए।

 3. हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें

हनुमान जी की आराधना में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ बहुत प्रभावी माना गया है। पाठ करते समय मन एकाग्र रखें और उच्चारण शुद्ध हो। अगर संभव हो, तो पाठ के लिए रोज़ एक निश्चित समय तय करें।

 4. मांस, मदिरा और तामसिक भोजन से परहेज़ करें

साधना के समय केवल सात्विक भोजन करें। मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन जैसे तामसिक तत्वों से दूर रहें। इससे शरीर और मन दोनों में शुद्धता बनी रहती है, जिससे साधना में स्थिरता आती है।

 5. महिलाएं करें दूर से पूजा

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं, इसलिए महिलाएं उन्हें छूकर पूजा नहीं करतीं। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं कि महिलाएं उन्हें नहीं पूज सकतीं। वे श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ, दीपक जलाकर आरती, और दूर से दर्शन कर सकती हैं।

 6. हनुमान जी को प्रिय वस्तुएं चढ़ाएं

हनुमान जी को लाल सिंदूर, चमेली का तेल, गुड़-चना, बेसन के लड्डू, लाल फूल और तुलसी रहित भोग अत्यंत प्रिय हैं। चोला चढ़ाना विशेष फलदायी होता है, लेकिन महिलाएं यह कार्य स्वयं न करें।

 7. मंगलवार और शनिवार को करें विशेष साधना

मंगलवार और शनिवार हनुमान जी को समर्पित दिन माने जाते हैं। इन दिनों उपवास रखें, पूजा करें और जरूरतमंदों को भोजन कराएं। ये कार्य आपके पुण्य को बढ़ाते हैं।

 निष्कर्ष:

हनुमान जी की साधना में श्रद्धा, नियम और पवित्रता सबसे जरूरी हैं। अगर आप सही विधि और नियमों के साथ उनकी पूजा करते हैं, तो वे अवश्य आपकी हर प्रार्थना सुनते हैं और संकटों से रक्षा करते हैं।

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