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हनुमान जी कैसे प्राप्त हुई अपार शक्तियां? 2 मिनट के इस वीडियो में जानें पौराणिक कथा

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हनुमान जी, जो भगवान राम के परम भक्त और सबसे शक्तिशाली देवताओं में से एक माने जाते हैं, उनकी अपार शक्तियों के पीछे एक दिलचस्प और गहन पौराणिक कथा छिपी हुई है। यह कथा न केवल उनकी शक्ति का रहस्य उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह से भक्ति और तपस्या के माध्यम से हनुमान जी ने अद्वितीय शक्तियों को प्राप्त किया।

1. हनुमान जी का जन्म और वायुदेव का आशीर्वाद

हनुमान जी का जन्म वायुदेव के आशीर्वाद से हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वायुदेव की पत्नी अंजना और ऋषि कश्यप के आशीर्वाद से हनुमान जी का जन्म हुआ था। वायुदेव ने अपनी अपार शक्तियों को हनुमान जी में संचारित किया, जिससे उन्हें असाधारण बल, गति, और दीर्घायु प्राप्त हुई। हनुमान जी के बचपन में ही यह स्पष्ट हो गया था कि वे किसी सामान्य व्यक्ति से बहुत अलग थे।

कथा के अनुसार, जब हनुमान जी छोटे थे, तो एक दिन उन्होंने सूरज को फल समझ लिया और उसे निगलने के लिए उड़ने लगे। यह घटना वायुदेव की ताकत का प्रतीक थी, जो उनके भीतर प्रवृत्त हुई थी। हालांकि, भगवान इंद्र ने उन्हें रोकने की कोशिश की, जिससे हनुमान जी को चोट लगी, लेकिन इससे उनकी शक्ति और भी बढ़ी।

2. महर्षि विश्वामित्र से प्राप्त आशीर्वाद

हनुमान जी की शक्ति का एक और महत्वपूर्ण स्रोत महर्षि विश्वामित्र से मिला। जब राम और लक्ष्मण को राक्षसों से बचाने के लिए महर्षि विश्वामित्र ने उन्हें बुलाया, तो हनुमान जी ने अपनी शक्तियों का सही उपयोग करना सीखा। महर्षि विश्वामित्र ने हनुमान जी को विशेष विद्याएं और आशीर्वाद दिए, जिनकी मदद से वे हर संकट से उबर सकते थे।

विश्वामित्र ने हनुमान जी को "पवन पुत्र" का विशेष आशीर्वाद दिया, जिससे उनकी शक्ति और भी प्रचंड हो गई। इसके अलावा, उन्होंने हनुमान जी को युद्ध कला और दिव्य अस्त्रों का भी ज्ञान दिया, जिससे वह किसी भी राक्षस या शत्रु को पराजित करने में सक्षम हो सके।

3. भगवान शिव से प्राप्त शक्ति

भगवान शिव ने भी हनुमान जी को अपनी शक्ति से नवाजा। हनुमान जी को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त था, और उनका जीवन उनकी इस शक्ति का उदाहरण था। शिव का आशीर्वाद उन्हें युद्ध के दौरान अत्यधिक शक्ति और मानसिक शांति देने में सहायक रहा। यह आशीर्वाद विशेष रूप से युद्धों में हनुमान जी की अपार शक्ति और अजेयता के रूप में सामने आया।

4. हनुमान जी की शक्तियों का उपयोग

हनुमान जी ने अपनी शक्तियों का सही उपयोग भगवान राम के प्रति अपनी अपार भक्ति में किया। उन्होंने रावण की लंका को जलाकर यह साबित किया कि उनके अंदर अग्नि और जल की शक्ति है। इसके अलावा, वह संजीवनी बूटी लाने के लिए हिमालय की ऊंचाइयों तक गए और इस कार्य को सफलतापूर्वक किया।

5. हनुमान जी की भक्ति और शक्ति का संयोग

हनुमान जी की शक्तियों का असली रहस्य उनकी भक्ति में है। उनके द्वारा भगवान राम के प्रति अडिग समर्पण और निष्कलंक भक्ति ने उन्हें अपार शक्ति प्रदान की। हनुमान जी ने कभी भी अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया, और हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति निष्ठावान रहे।

निष्कर्ष:

हनुमान जी की अपार शक्तियां केवल शारीरिक बल या युद्ध कौशल का परिणाम नहीं थीं, बल्कि यह उनकी भक्ति, तपस्या, और ईश्वर के प्रति समर्पण का परिणाम थीं। उनका जीवन यह सिखाता है कि यदि हम अपनी भक्ति और तपस्या में सच्चे हैं, तो हम भी असाधारण शक्तियां प्राप्त कर सकते हैं। हनुमान जी की शक्ति का असली स्रोत उनकी भक्ति, उनके गुरु और ईश्वर के प्रति उनका अडिग विश्वास था।

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