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भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका कैसे हुई समुद्र में विलीन

Shri Krishna dwarka nagri interesting facts and story

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में कई ऐसी पौराणिक कथाएं और रहस्य है जिनके बारे में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है ये कथाएं बड़ी ही रोचक मानी जाती है कथाओं के अनुसार द्वारका भगवान श्रीकृष्ण की नगरी थी जो समुद्र में विलीन हो गई थी।

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ऐसे में अधिकतर लोगों के मन में ये प्रश्न उठता है, कि आखिरी कैसे और क्यों भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका समुद्र में विलीन हुई अगर आपके मन में भी इसका उत्तर जानने की उत्सुकता है तो आज का हमारा ये लेख आपके लिए ही है, तो आइए जानते है। 

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धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार महाभारत का युद्ध कौरवों और पाण्डवों के बीच हुआ था। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने भी अहम भूमिका निभाई थी। ये युद्ध अब तक का सबसे बड़ा युद्ध माना जाता है। महाभारत का युद्ध धर्म, ज्ञान और सम्मान के प्रति लड़ा गया था। यह युद्ध काफी लंबे वक्त तक चला। ऐसा माना जाता है कि महाभारत के युद्ध में विजय प्राप्त करने के बाद पाण्डवों में प्रसन्नता की लहर जाग उठी थी और चारों ओर खुशी का माहौल था। कौरवों को युद्ध में पराजित करने के बाद हस्तिनापुर में राजगद्दी पर युधिष्ठिर का राजतिलक किया जा रहा था।

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राजतिलक के शुभ अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण भी वहां मौजूद थे। यह सब देख देवी गांधारी बेहद दुखी थी और उनका मन पीड़ाओं से भरा हुआ था। ऐसा माना जाता है उस वक्त देवी गांधारी भगवान कृष्ण से बेहद दुखी थी और अपनी दुख व पीड़ा को कम करने के लिए उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को श्राप दिया था। कि जिस तरह से मेरे कुल का अंत मेरी नजरों के सामने हुआ है ठीक उसी प्रकार कृष्ण तुम्हारे भी कुल का नाश हो जाएगा। ऐसा माना जाता है कि गांधरी के श्राप के ही कारण भगवान कृष्ण की प्रिय नगरी द्वारका समुद्र में समा गईं। 

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