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20 जून को ग्रह कर रहे हैं विपरीत असर! इन 3 राशियों को हो सकता है आर्थिक और मानसिक नुकसान, वीडियो में फटाफट जान ले बचाव के उपाय 

20 जून को ग्रह कर रहे हैं विपरीत असर! इन 3 राशियों को हो सकता है आर्थिक और मानसिक नुकसान, वीडियो में फटाफट जान ले बचाव के उपाय 

20 जून 2025 का दिन कुछ राशियों के लिए परेशानियों से भरा रह सकता है। इस दिन ग्रह-नक्षत्र, योग और तिथि की स्थिति के आधार पर कुछ राशियों को मानसिक, आर्थिक या पारिवारिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 20 जून 2025 को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सुबह 9:49 बजे तक रहेगी, उसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। रेवती नक्षत्र रात 9:45 बजे तक रहेगा, उसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। शोभन योग रात 11:47 बजे तक रहेगा, उसके बाद अतिगंड योग शुरू हो जाएगा। गर करण सुबह 9:49 बजे तक रहेगा, उसके बाद वणिज करण रात 8:36 बजे तक रहेगा और इसके बाद विष्टि करण शुरू हो जाएगा। ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा रात 9:45 बजे तक मीन राशि में रहेगा, फिर मेष राशि में चला जाएगा। शुक्र मेष राशि में, सूर्य, बुध और बृहस्पति मिथुन राशि में, मंगल और केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में रहेगा। रेवती नक्षत्र और शोभन योग की संवेदनशील ऊर्जा दिन की शुरुआत में सकारात्मकता ला सकती है, लेकिन अतिगंड योग और विष्टि करण का प्रभाव कुछ राशियों के लिए तनाव बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं 20 जून को किन राशियों को सावधान रहना होगा और उनके लिए क्या उपाय करने चाहिए?

मेष राशि
रात्रि 9:45 बजे चंद्रमा का आपकी राशि में प्रवेश और शुक्र की उपस्थिति प्रथम भाव को प्रभावित करेगी, जिसके कारण आप जल्दबाजी में निर्णय ले सकते हैं। मंगल और केतु की युति आपके पंचम भाव में है, जो प्रेम संबंधों में तनाव, पढ़ाई में एकाग्रता की कमी या संतान से संबंधित चिंता ला सकती है। अश्विनी नक्षत्र और अतिगंड योग के प्रभाव से आवेग में लिए गए निर्णय नुकसानदेह हो सकते हैं। विष्टि करण के कारण काम में देरी या रुकावट संभव है। इस दिन धैर्य रखें और आर्थिक जोखिम से बचें।उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें।

सिंह राशि
मंगल और केतु की युति आपकी राशि में प्रथम भाव को प्रभावित करेगी, जिसके कारण क्रोध, आवेग या अप्रत्याशित घटनाएं हो सकती हैं। चंद्रमा और शनि की युति रात्रि 9:45 बजे तक अष्टम भाव में है, जो मानसिक तनाव, छुपी हुई चिंता या स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव ला सकती है। रेवती नक्षत्र और नवमी तिथि के प्रभाव से आप छोटी-छोटी बातों पर क्रोधित हो सकते हैं। अतिगंड योग और विष्टि करण के कारण कार्यों में रुकावट या देरी हो सकती है। इस दिन विवादों से बचें और शांत रहें।उपाय: सूर्य को जल चढ़ाएं और 'ऐं घृणि सूर्याय नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें। किसी जरूरतमंद को गेहूं दान करें।

कुंभ
राहु का आपकी राशि में होना और रात्रि 9:45 बजे तक चंद्रमा-शनि की युति आपके दूसरे भाव को प्रभावित करेगी, जिससे आर्थिक रुकावटें, वाणी में गलतफहमी या परिवार में तनाव हो सकता है। मंगल और केतु की युति सप्तम भाव में है, जिससे जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ मतभेद या सौदों में देरी हो सकती है। रेवती नक्षत्र और विष्टि करण के प्रभाव से मानसिक अशांति या सिरदर्द जैसी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं। इस दिन जोखिम भरे फैसले लेने से बचें।उपाय: शनि मंदिर में नीले फूल चढ़ाएं और जरूरतमंदों को काले तिल दान करें।

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