Samachar Nama
×

सावधान! 2 अगस्त को इन 5 राशियों पर मंडरा रहा है संकट, जाने किन जातकों को बेहद सतर्क रहने की जरुरत ?

सावधान! 2 अगस्त को इन 5 राशियों पर मंडरा रहा है संकट, जाने किन जातकों को बेहद सतर्क रहने की जरुरत ?

2 अगस्त 2025 को सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि प्रातः 7:23 बजे तक रहेगी, उसके बाद नवमी तिथि प्रारंभ होगी। विशाखा नक्षत्र और शुक्ल योग का प्रभाव दिन भर रहेगा। प्रातः 7:23 बजे तक बव, तत्पश्चात 8:34 बजे तक बालव और इसके बाद कौलव करण रहेगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार, चंद्रमा रात्रि 11:52 बजे तक तुला राशि में रहेगा, शुक्र और बृहस्पति मिथुन राशि में युति में रहेंगे, सूर्य और बुध कर्क राशि में युति में रहेंगे, केतु सिंह राशि में, राहु कुंभ राशि में, मंगल कन्या राशि में और शनि मीन राशि में रहेंगे।

इस दिन गुरु और शनि के प्रभाव से विशाखा नक्षत्र कार्यों में स्थिरता और गंभीरता प्रदान करता है, लेकिन तुला राशि में चंद्रमा के होने से यह भावनात्मक उतार-चढ़ाव ला सकता है। शुक्ल योग सकारात्मक ऊर्जा देता है, लेकिन बव, बालव और कौलव जैसे करण निर्णय लेने में कुछ जटिलताएँ पैदा कर सकते हैं। कर्क राशि में सूर्य-बुध और मिथुन राशि में शुक्र-बृहस्पति की युति कुछ राशियों के लिए तनाव, भ्रम या स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं ला सकती है। शनि और राहु की स्थिति भी कुछ राशियों के लिए चुनौतियाँ बढ़ा सकती है। आइए जानते हैं कि किन राशियों के लिए यह दिन शुभ नहीं रहेगा और इसे शुभ बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?

तुला
तुला राशि में चंद्रमा का गोचर और विशाखा नक्षत्र का प्रभाव इस राशि के जातकों के लिए मानसिक तनाव और निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति पैदा कर सकता है। कर्क राशि में सूर्य और बुध की युति आपके दशम भाव को प्रभावित करेगी। इससे कार्यक्षेत्र में बाधाएँ या गलतफहमियाँ पैदा हो सकती हैं। शनि का मीन राशि में होना और आपके षष्ठ भाव को प्रभावित करना स्वास्थ्य और शत्रुओं से संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकता है। उपाय: भगवान विष्णु की पूजा करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें।

वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए, तुला राशि में चंद्रमा का रहना द्वादश भाव को प्रभावित करेगा। यह भाव अनावश्यक खर्च, मानसिक चिंता या यात्रा में परेशानी ला सकता है। कन्या राशि में मंगल का प्रभाव एकादश भाव को प्रभावित करेगा। इससे आय के स्रोतों में रुकावट या मित्रों से मतभेद हो सकते हैं। कुंभ राशि में राहु चतुर्थ भाव में पारिवारिक तनाव बढ़ा सकता है। उपाय: हनुमानजी की पूजा करें और 'ॐ ह्रां हनुमते नमः' मंत्र का 21 बार जाप करें।

मकर राशि
मकर राशि वालों के लिए, तुला राशि में चंद्रमा का होना आपके दशम भाव को प्रभावित करेगा। जिससे कार्यस्थल पर दबाव या वरिष्ठों व अधिकारियों के साथ तनाव पैदा हो सकता है। शनि का मीन राशि में होना और तृतीय भाव को प्रभावित करना संचार और छोटी यात्राओं में बाधाएँ ला सकता है। मिथुन राशि में शुक्र और बृहस्पति की युति आपके छठे भाव को प्रभावित करेगी। इसलिए आपको स्वास्थ्य और कानूनी मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उपाय: शनि देव की पूजा करें और 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।

कुंभ राशि
कुंभ राशि में राहु और तुला राशि में चंद्रमा की उपस्थिति आपके नवम भाव को प्रभावित करेगी। इससे भाग्य संबंधी मामलों में बाधाएँ और उलझनें पैदा हो सकती हैं। छठे भाव में सूर्य और बुध की युति कार्यस्थल पर स्वास्थ्य समस्याएँ या विवाद पैदा कर सकती है। कन्या राशि में मंगल अष्टम भाव में अचानक परेशानियाँ ला सकता है। उपाय: भगवान गणेश की पूजा करें और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।

मीन राशि

मीन राशि में शनि और तुला राशि में चंद्रमा का अष्टम भाव को प्रभावित करना मानसिक तनाव, स्वास्थ्य समस्याओं या गुप्त शत्रुओं से परेशानी का कारण बन सकता है। मिथुन राशि में शुक्र और बृहस्पति की युति आपके चतुर्थ भाव को प्रभावित करेगी। इससे पारिवारिक सुख में कमी आ सकती है। पंचम भाव में सूर्य और बुध की युति शिक्षा और संतान संबंधी चिंताओं को बढ़ा सकती है। उपाय: भगवान शिव की पूजा करें और 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जाप करें।

Share this story

Tags