रविवार 27 जुलाई को सावधान रहें ये 3 राशियां! एक गलत कदम डाल सकता है बड़ी परेशानी में, यहां जाने बचाव के उपाय
हरियाली तीज का पावन पर्व 27 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा, जो सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को है। इस दिन तृतीया तिथि रात्रि 10:41 बजे तक रहेगी, उसके बाद चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी। ज्योतिषीय दृष्टि से इस दिन ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति राशियों पर अलग-अलग प्रभाव डालती है। इस दिन सिंह राशि में चंद्रमा, मंगल और केतु एक साथ उपस्थित रहेंगे, जिससे लोगों में ऊर्जा और आक्रामकता बढ़ सकती है और तनाव व जल्दबाजी में निर्णय लेने की समस्या भी हो सकती है।
मिथुन राशि में शुक्र और बृहस्पति की युति सौंदर्य, प्रेम और ज्ञान के क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव डालेगी, जबकि कर्क राशि में सूर्य और बुध की उपस्थिति संचार और आत्मविश्वास को प्रभावित करेगी। राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में है, जिससे कुछ राशियों के लिए कुछ चुनौतियाँ पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, दिन भर वरियान योग, सुबह 10:36 बजे तक तैतिल करण और उसके बाद गर करण का प्रभाव रहेगा, जिससे कुछ राशियों के लिए शुभता कम हो सकती है। 27 जुलाई 2025 कुछ राशियों के लिए विशेष सावधानी बरतने का दिन हो सकता है, क्योंकि ग्रहों की स्थिति और नक्षत्रों का प्रभाव उनके लिए अनुकूल नहीं रहेगा। इससे बचने के लिए आप कुछ उपाय भी अपना सकते हैं।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह दिन चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि सिंह राशि में चंद्रमा और मंगल की युति आपके अष्टम भाव को प्रभावित करेगी। यह स्थिति स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं या मानसिक तनाव को बढ़ा सकती है। इसके अलावा, केतु का प्रभाव अचानक बदलाव या भ्रम की स्थिति पैदा कर सकता है। वरियान योग और गर करण का प्रभाव भी आपके लिए अनुकूल नहीं रहेगा, जिससे आपको निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है। उपाय: सुबह हनुमान मंदिर में लाल फूल चढ़ाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
कन्या
कन्या राशि वालों के लिए यह दिन थकान और भ्रम से भरा हो सकता है। मिथुन राशि में शुक्र और बृहस्पति की युति आपके छठे भाव को प्रभावित करेगी, जिससे कार्यक्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है या छोटी-मोटी परेशानियाँ आ सकती हैं। कर्क राशि में सूर्य और बुध की उपस्थिति संवाद में ग़लतफ़हमी पैदा कर सकती है। इसके साथ ही, मघा नक्षत्र के बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में परिवर्तन का प्रभाव आपके लिए अनिश्चितता ला सकता है। उपाय: हरे वस्त्र पहनें और गणेश जी की पूजा में दूर्वा अर्पित करें।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए, शनि की मीन राशि में उपस्थिति आपके मूल भाव पर दबाव डालेगी, जिससे मानसिक अशांति या पारिवारिक मामलों में तनाव हो सकता है। कुंभ राशि में राहु की उपस्थिति आपके द्वादश भाव को प्रभावित करेगी, जिससे ख़र्चे बढ़ सकते हैं या गुप्त शत्रुओं से नुकसान हो सकता है। गर करण का प्रभाव भी आपके लिए शुभता में कमी ला सकता है। उपाय: कलाई पर नीला धागा बाँधें और शनि मंदिर में तेल दान करें।

