Gangaur puja 2021: गणगौर पूजा आज, शादीशुदा महिलाएं क्यों पति से छिपकर रखती है यह व्रत
व्रत त्योहारों को हिंदू धर्म में विशेष माना जाता हैं गणगौर का पर्व राजस्थान और मध्यप्रदेश में बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया जाता हैं राजस्थान में महिलाएं पति की सलामती और लंबी आयु के लिए गणगौर का व्रत रखती हैं
गणगौर व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती हैं हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर का पर्व बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता हैं इस साल 15 अप्रैल दिन गुरुवार यानी की आज गणगौर का व्रत किया जाएगा। तो आज हम आपको इस व्रत के बारे में बताने जा रहे हैं तो आइए जानते हैं।
इस व्रत को शादीशुदा महिलए पति से छिपकर व्रत रखती हैं इस व्रत के बारे में पति को कुछ भी नहीं बताया जाता हैं पूजा में चढ़ाया गया प्रसाद भी महिलाएं पति को नहीं देती हैं इस पावन दिन गणगौर माता यानी मां पार्वती की विधि पूर्वक पूजा की जाती हैं।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक देवी मां पार्वती होली के दूसरे दिन अपने मायके चली गईं थी और भगवान शिव उन्हें वापस लेने के लिए आठ दिनों बाद गए थे। इसलिए यह पर्व होली के दिन से यानी चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि से आरंभ हो जाता हैं इसी दिन कुंवारी लड़कियां और शादीशुदा महिलाएं मिट्टी के भगवान शिव यानी गण और मिट्टी की ही मां पार्वती यानी गौर बनाती हैं और रोजाना उनकी पूजा करती हैं यह त्योहार 17 दिनों तक मनाया जाता हैं।

चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज की पूजा का विधान है 17 दिनों तक महिलाएं रोजाना सुबह दूब और पुष्प चुनकर लाती हैं और उन दूबों से दूध के छींटे मिट्टी की बनी हुई गणगौर माता को देती हैं चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन महिलाएं किसी नदी, तालाब के पास जाती हैं और अपनी पूजी हुई गणगौर को पानी पिलाती हैं अगले दिन यानी चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन महिलाएं गणगौर का विसर्जन भी कर देती हैं।

