22 मई से गजकेसरी योग से मिथुन सहित इन 3 राशियों पर टूटने वाला है दुखों का पहाड़, घर से बाहर निकलने से पहले जानें उपाय

22 मई 2025 को दशमी तिथि होगी. पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र शाम 5:47 बजे तक रहेगा, उसके बाद उत्तराभाद्रपद नक्षत्र शुरू हो जाएगा। विष्कुम्भ योग रात्रि 9:50 बजे तक, तत्पश्चात प्रीति योग रहेगा। दोपहर 2 बजकर 21 मिनट तक करण में वणिज रहेगा, तत्पश्चात विष्टि योग आरंभ होगा। ग्रहों की स्थिति के अनुसार, चंद्रमा दोपहर 12:08 बजे तक कुंभ राशि में रहेगा, उसके बाद मीन राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य वृषभ राशि में और बुध मेष राशि में रहेगा। इसके साथ ही बृहस्पति मिथुन राशि में और मंगल कर्क राशि में रहेगा। केतु सिंह राशि में तथा राहु कुंभ राशि में रहेगा। शुक्र और शनि मीन राशि में रहेंगे। ऐसे में कुछ राशि वालों के लिए ये दिन थोड़ा खराब रहने वाला है। आइए जानते हैं कि यह दिन किन राशि वालों के लिए परेशानी भरा रहेगा और इसे शुभ बनाने के लिए क्या उपाय करने चाहिए?
कन्या
दोपहर के बाद मीन राशि में चंद्रमा का गोचर आपके सप्तम भाव को प्रभावित करेगा, जिससे दांपत्य जीवन या साझेदारी में तनाव हो सकता है। विष्कुम्भ योग के प्रभाव से कार्यस्थल पर निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है तथा सहकर्मियों के साथ गलतफहमी हो सकती है। केतु का सिंह राशि में स्थित होना आपके बारहवें भाव को प्रभावित करेगा, जिसके कारण अनावश्यक खर्च या मानसिक चिंता हो सकती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से पेट या त्वचा से संबंधित समस्या उत्पन्न हो सकती है। आज के दिन धैर्य बनाए रखें और जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें।
कुंभ राशि
सुबह कुंभ राशि में चंद्रमा और राहु की युति आपके प्रथम भाव को प्रभावित करेगी, जिससे मानसिक तनाव, चिंता या आत्मविश्वास की कमी की भावना पैदा हो सकती है। दोपहर के बाद चंद्रमा का मीन राशि में प्रवेश आपके दूसरे भाव को प्रभावित करेगा, जिससे आर्थिक मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। विष्कुम्भ योग के कारण व्यापार या नौकरी में जोखिम भरे निर्णय लेने से बचें। पारिवारिक जीवन में छोटी-छोटी बातों पर विवाद हो सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से सिरदर्द या थकान परेशान कर सकती है।
उपाय: शनि को सरसों का तेल चढ़ाएं और शनि चालीसा का पाठ करें।
मीन राशि
दोपहर 12:08 बजे के बाद आपकी कुंडली के प्रथम भाव में चंद्रमा का गोचर, साथ ही शुक्र और शनि की युति आपके आत्मविश्वास को प्रभावित कर सकती है। विष्कुम्भ योग के प्रभाव से कार्य क्षेत्र में बाधाएं आ सकती हैं तथा इच्छित सफलता के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ सकती है। रिश्तों में गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं, खासकर यदि आप जल्दबाजी में भावनात्मक निर्णय लेते हैं। स्वास्थ्य के मामले में तनाव या नींद से संबंधित समस्या हो सकती है। धैर्य और संयम से काम लें।
उपाय: देवी लक्ष्मी की पूजा करें और सफेद मिठाई दान करें।