क्या आप भी चाहते हैं बीमारियों से छुटकारा, तो हर मंगलवार पढ़ें हनुमान जी की आरती
जयपुर अध्यात्म डेस्क: हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को किसी न किसी देवी देवता की पूजा के लिए विशेष माना गया हैं वही मंगलवार का दिन पवनपुत्र हनुमान का दिन होता हैं इस दिन भक्त हनुमान जी की विधि पूर्वक पूजा आराधना करते हैं और भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत उपवास भी रखते हैं

अगर आप भी अपनी सभी इच्छाओं को पूरा करना या दुखों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज मंगलवार के दिन श्रीराम भक्त हनुमान की विधि पूर्वक पूजा आराधना जरूर करें, इस दिन पूरी निष्ठा और भाव के साथ हनुमान पूजा करना और उनकी आरती पढ़ना लाभकारी माना जाता हैं

ऐसा करने से बीमारियों से छुटकारा मिल जाता हैं और जीवन में सुख शांति बनी रहती हैं मगर भगवान हनुमान की पूजा में नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, तभी पूजा और व्रत का पूर्ण फल भक्तों को प्राप्त होता हैं, तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं भगवान हनुमान जी की आरती, तो आइए जानते हैं।
यहां पढ़ें श्री हनुमान जी की आरती—
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अनजानी पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमान जी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की


