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क्या सच में शनिदेव की बहन जन्म लेते ही दौड़ पड़ी थी इस संसार को खाने

Shanidev sister bhadra story

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में ईश्वर आराधना व उपासना को सर्वोत्तम बताया गया है। मान्यता है कि परमेश्वर में जो भी लीन हो जाता है उसके जीवन की सभी कठिनाईयों का अंत हो जाता है और ईश्वर कृपा से सुख में वृद्धि होने लगती है, हिंदू धर्म में वैसे तो कई सारे देवी देवता है जिनकी पूजा आराधना से साधक शुभ फलों को प्राप्त कर सकता है लेकिन आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा शनिदेव और उनकी बहन भद्रा के बारे में विस्तार पूर्वक बता रहे है। 

Shanidev sister bhadra story

मान्यता है कि नौ ग्रहों में श्रेष्ठ शनि महाराज की बहन भद्रा भी उनकी की तरह क्रोधी स्वभाव की है जिस प्रकार शनि राजा को रंक बनाने की शक्ति रखते है ठीक उसी तरह उनकी बहन भी व्यक्ति के जीवन को नर्क बना सकती है, तो आज हम आपको इन्हीं से जुड़ी जानकारी प्रदान कर रहे है। 

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ज्योतिष अनुसार शनिदेव की टेढ़ी नजर अगर किसी पर पड़ जाए तो व्यक्ति भीखारी बन सकता है, यही वजह है कि शनि को पाप ग्रह कहा गया है। लेकिन शनि की तरह ही उनकी बहन भद्रा भी बहुत खतरनाक मानी जाती है। धार्मिक और ज्योतिष अनुसार सूर्यदेव की इस पुत्री का स्वरुप बड़ा भयंकर है। इनका रंग काला, केश लंबे और दांत विकराल है। एक कथा के अनुसार भद्रा जन्म लेते ही इस संसार को खाने के लिए दौड़ पड़ी थी और यज्ञों आदि को भी नष्ट कर दिया था।

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माना जाता है कि भद्रा मंगल यात्राओं में भी कई अड़चनें उत्पन्न करने लगी थी। इनके इस व्यवहार को देखते हुए देवताओं ने इनसे विवाह करने के लिए इनकार कर दिया था। ऐसा माना जाता है कि सूर्यदेव ने जब पुत्री भद्रा के ​विवाह के लिए स्वंवर का आयोजन किया तो इन्होंने उसे भी नष्ट कर दिया था। जब इन सभी बातों की भनक ब्रह्मा जी को पड़ी तो ब्रह्मा जी ने भद्रा को कहा कि हे भद्रा तुम बव, बालव, कौलव, तैतिल आदि करणों के अंत में सातवें करण के रुप में स्थित रहो। भगवान ब्रह्मा ने ही भद्रा को समय काल का एक भाग दिया था। जिस दौरान किसी भी शुभ कार्य को करना वर्जित माना गया है।अगर कोई इसकी अनदेखी करता है तो उसे कष्टों का सामना करना पड़ता है। 

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