ऐसे पहने लोहे की अंगूठी होगा लाभ ही लाभ
आपको बता दें, कि शनिदेव को लोहे से बनी धातु की वस्तुएं बेहत प्रिय होती हैं। जिस किसी की कुंडली में शनिदेव की महादशा और अन्तर्दशा चल रही हो उसे कई तरह की परेशानियां और समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। वही जो भी मनुष्य शनि से पीड़ित रहता हैं वह कई तरह के उपाय अपनाता हैं वही ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक धातुओं और ग्रहों का घनिष्ठ संबंध होता हैं। वही अगर ग्रह विपरीत चल रहे हों तो मनुष्य के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव होता हैं। वही शुभ अशुभ फल के पीछे भी यही ग्रह कारक माना जाता हैं, ग्रह संबंधी धातु धारण करने से यह शांत हो जाते हैं। 
वही घोड़े की नाल के छल्ले का उपयोग हर क्षेत्र में बहुत ही शुभ माना जाता हैंं वही सामान्यता इसका इस्तेमाल शनि के दुष्प्रभावों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए किया जाता हैं। वही इसलिए इसे शनि का छल्ला भी कहा जाता हैं। कोई भी मनुष्य इसे दाहिने हाथ की माध्यम अंगुली में धारण किया जाता हैं
क्योंकि इसी उंगली के नीचे शनि पर्वत होता हैं। जो मनुष्य इसे धारण करता हैं उसके जीवन में सुख संपत्ति और समृद्धि आती हैं। वही शनिमहाराज के अशुभ प्रभावों की शांति हेतु लोहा धारण किया जाता है। यह शुभ माना जाता मगर यह लौह मुद्रिका सामान्य लोहे की नहीं बनी होती हैं। यह काले घोड़े की नाल, जो नाल खुद ही घोड़े के पैरों से निकल गयी हो। वही उस नाल को शनिवार के दिन सिद्ध योग में प्राप्त कर उपयोग करना शुभ माना जाता हैं। 

