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हर तरह के संकट से बचाती है बटुक भैरव की साधना, जानिए धार्मिक महत्व 

know significance and worship method of lord batuk bhairava

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में बटुक सभैरव की साधना अत्यंत ही कल्याणकारी माना जाता हैं जिनकी उत्पत्ति भगवान शिव से मानी गई हैं भगवान भैरव शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों को बड़े संकटों से​ निकाल लाते हैं भगवान बटुक भैरव के साधक को जीवन में किसी भी तरह का कोई भय नहीं होता है क्योंकि बटुक भैरव हर समय अपने भक्तों के साथ रहते हुए उनकी रक्षा करते हैं और उन्हें सर्व संपन्न बनाते हैं रुद्रयामल तन्त्र में 64 भैरव का उल्लेख मिलता हैं जिसमें इन्हें आपदुद्धारक बटुक भैरव कहा जाता हैं। 

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सभी संकटों से उबारने वाले बटुक भैरव की साधना आराधना तो वैसे किसी भी दिन की जा सकती हैं मगर मंगलवार और रविवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व होता हैं इस दिन आप अगर भगवान बटुक भैरव की पूजा करते हुए उनके किसी एक मंत्र का जाप करते हैं तो वह शीघ्र ही प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।

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भगवान बटुक भैरव की पूजा विशेष रूप से तो किसी बड़े संकट या आपदा से निकलने के लिए लोग करते है मगर उनकी साधना से कई अन्य बड़े लाभ होते हैं अगर बटुक भैरव की साधना कोई साधक श्रद्धा और विश्वास के साथ करता है तो उसे बल, बुद्धि, विद्या, आयु, यश और धन धान्य की प्राप्ति होती है इनके अलावा भी अगर आप किसी विशेष कामना के साथ भगवान बटुक भैरव की पूजा करते हैं, तो वह भी बटुक भैरव के आशीर्वाद से पूरी होती हैं। 

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अगर आपको जीवन में किसी भी ज्ञात अज्ञात शत्रु से हमेशा भय बना रहता है या फिर आपके उपर हमेशा प्राणों का संकट बना रहता है तो आपके लिए बटुक भैरव की साधना फलदायी हैं बटुक भैरव की साधना उनके लिए भी बहुत कल्याणकारी है जो किसी अन्य बड़े संकट में फंसे हुए हैं जहां से उनके मान सम्मान या धन हानि होने की आशंका बनी हो। ज्योतिष अनुसार अगर आपकी कुंडली में छाया ग्रह राहु और केतु अशुभ परिणाम देते हुए आपकी परेशानियों का बड़ा कारण बन रहे हैं तो आपको अपने जीवन से जुड़ी तमाम समस्याओं के निवारण के लिए भगवान बटुक भैरव की उपासना जरूर करनी चाहिए। 

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