सोम प्रदोष व्रत पर सिर्फ इतने घंटे का शुभ मुहूर्त, पढ़ें व्रत कथा और इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानि 23 जून को सोम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है। यह तिथि और दिन भगवान शिव को समर्पित माना जाता है। सोम प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को कहा जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार सोम प्रदोष व्रत पर धृति योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी है। मान्यता है कि इस दिन जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। तो आइए जानते हैं सोम प्रदोष पूजा विधि, उपाय और शुभ मुहूर्त...
प्रदोष काल का समय
भगवान शिव की पूजा रात्रि के समय की जाती है। ऐसे में सोम प्रदोष व्रत पर शिव पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 07.22 बजे से रात 09.23 बजे तक रहेगा। इन 2 घंटों में भगवान शिव की पूजा करना फलदायी साबित होगा। पंचांग के अनुसार धृति योग दोपहर 01.17 बजे तक रहेगा, सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 03.16 बजे से 24 जून को सुबह 05.25 बजे तक रहेगा।
पूजा विधि
स्नान करने के बाद जातक को स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए और शिव परिवार सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। अगर आप व्रत रख रहे हैं तो हाथ में पवित्र जल, फूल और चावल लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर शाम को घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। फिर शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करें और पूजा करें। इसके बाद सोम प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें। अंत में पूरी श्रद्धा से भगवान शिव की पूजा करें और अंत में पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगें। इसके बाद जातक शिव गायत्री मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। साथ ही शिव आरोग्य और शिव स्तुति मंत्र का पाठ भी कर सकते हैं।