शास्त्रों के अनुसार इन दिनों में भूलकर भी न बनाए शारीरिक संबंध
जयपुर । शास्त्रों में जीवन की राह को आसान बनाने के लिए कई सारे उपाय बताए गये है, जिन उपायों को करने से जीवन में आने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है व भविष्य की राह की बाधा का निवारण किया जा सकता है। ऐसे में शास्त्रों में विवाह के पवित्र बंधन माना जाता है क्योंकि विवाह के बाद ही लड़की लड़का दोनों मिल कर अपने नये जीवन की शुरुआत करते हैं व अपने वंश को आगे बढा़ते हैं।
अपने वंश को आगे बढाने का माध्यम पति पत्नी के बीच शारीरिक संबंध है। शारीरिक संबंध पति पत्नी को करीब भी लाता है व गृहस्थ जीवन में रोमांस भरने के लिए जरुरी भी है। इसके साथ ही एक स्वस्थ्य शारीरिक संबंध को अगर जीवन का हिस्सा माने तो लंबा और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है।
लेकिन हमारे शास्त्रों में शारीरिक संबंध के लिए कुछ समय ऐसे बताए गये है जिस समय संभोग या शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए इन दिनों में शारीरिक संबंध बनाने से जीवन में किसी न किसी प्रकार की परेशानी में फंसते हैं। इस लेख में किस समय शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिये इस बारे में बता रहें है-
- पति या पत्नी दोनों ने या फिर किसी एक ने व्रत रखा हो तो उस दिन सेक्स करना उचित नहीं माना जाता है।
- शारीरिक संबंध के लिये सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले का समय उचित माना गया है। संभोग सूर्योदय के बाद अच्छा नहीं माना गया है।
- देवी पूजा में यानि नवरात्र के नौ दिनों में संभोग नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के समय कभी भी संभोग नहीं करना चाहिए।
- अगर आप वंश वृद्धि के लिये संभोग कर रहें हैं तो पूर्णिमा और अमावास्या के दिन संबंध नहीं बनाए।