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घर में सही दिशा में लगा आईना बदल सकता है आपकी किस्मत, दूर हो जाएगी जीवन से हर मुश्किल

घर का प्रवेश द्वार सिर्फ आने-जाने का रास्ता नहीं है। यह ऊर्जा का प्रवेश द्वार है जो पूरे घर को प्रभावित करता है। आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता। वहीं, कुछ लोग कम मेहनत में भी....
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घर का प्रवेश द्वार सिर्फ आने-जाने का रास्ता नहीं है। यह ऊर्जा का प्रवेश द्वार है जो पूरे घर को प्रभावित करता है। आपने कई बार देखा होगा कि कुछ लोग बहुत मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता। वहीं, कुछ लोग कम मेहनत में भी सफलता पा लेते हैं। इसका एक बड़ा कारण घर की बनावट और दिशा हो सकती है, खासकर प्रवेश द्वार की दिशा। इस विषय पर अधिक जानकारी दे रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी और वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा। वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर घर के प्रवेश द्वार की दिशा सही नहीं है तो इसका सीधा असर घर के लोगों के जीवन, स्वास्थ्य और आय पर पड़ता है। अगर प्रवेश द्वार दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में है तो यह स्थिति और भी नकारात्मक हो सकती है। दक्षिण-दक्षिण पश्चिम प्रवेश द्वार क्यों है खतरनाक? वास्तु में दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिशा को स्थिरता और नियंत्रण से जोड़ा जाता है। इस दिशा से प्रवेश करने पर व्यक्ति को स्थिरता तो मिलती है लेकिन प्रगति की गति धीमी हो जाती है। इस दिशा से प्रवेश करने वाली ऊर्जा भारी होती है, जिससे जीवन में व्यवधान, धन की हानि और मानसिक तनाव होता है।

एक आम मामला यह देखने को मिलता है कि किसी व्यक्ति का घर S3 दिशा में था, जिसे एक अच्छा प्रवेश द्वार माना जाता है। लेकिन उसी दीवार पर थोड़ा आगे S6 और S7 दिशा की ओर भी प्रवेश द्वार था। वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार S6 और S7 प्रवेश द्वार सबसे हानिकारक माने जाते हैं। ऐसे मामलों में लोग अक्सर कहते हैं कि "कुछ समझ नहीं आता, पैसा आता भी है, फिर चली भी जाती है।"

इस दोष को कैसे ठीक करें?

अब सवाल यह उठता है कि जब प्रवेश द्वार बना दिया जाता है, तो क्या इसका कोई समाधान है? इसका उत्तर है हां, बिल्कुल। एक छोटा सा दर्पण इस समस्या को हल कर सकता है।

जिस प्रवेश द्वार पर दोष है, उस दिशा में एक विशेष तरीके से दर्पण लगाया जा सकता है। जब दर्पण को सही जगह पर रखा जाता है, तो यह उस दरवाजे की ऊर्जा को दूसरी दिशा में पुनर्निर्देशित करता है। यानी अगर आपके घर का दरवाजा S6 की दिशा में है और उसके बगल में S3 का प्रवेश द्वार भी है तो S3 की सकारात्मक ऊर्जा उस दर्पण में परावर्तित होती है और S6 के दोष को कुछ हद तक कम करती है।

इस उपाय को करने से क्या होगा?

-नकारात्मक ऊर्जा कम होगी।

-फिजूलखर्ची और धन हानि से मुक्ति मिलेगी।

-घर के लोगों को मानसिक शांति मिलेगी।

-तरक्की की गति तेज हो सकती है।

ध्यान रखने योग्य बातें

- दर्पण बहुत बड़ा या बहुत छोटा नहीं होना चाहिए
- दर्पण साफ-सुथरा और सही कोण पर लगा हो
-दरवाजे की दिशा और दर्पण की स्थिति की जांच किसी अनुभवी वास्तु सलाहकार से करवानी चाहिए।

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