ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा आराधना को समर्पित है वही बुधवार का दिन प्रथम पूजनीय श्री गणेश की आराधना के लिए उत्तम माना जाता है इस दिन भगवान की पूजा करना श्रेष्ठ होता है
मान्यता है कि इस दिन अगर पूरी निष्ठा और सच्ची श्रृद्धा से शिव पार्वती के पुत्र गणेश की विधिवत आराधना की जाए तो सारे विघन, बाधाएं, तामम तरह के संकट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख शांति व समृद्धि का आगमन होता है तो आज हम आपको अपने इस लेख दवारा श्री गणेश की पूजन विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
जानिए श्री गणेश पूजन की विधि-
धार्मिक तौर पर बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश के सिद्धि विनायक रूप की पूजा अर्चना करना मंगलकारी माना जाता है श्री गणेश के इस रूप की पूजा से सभी बिगड़े काम बन जाते हैं और सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री विष्णु ने सिद्धटेक पर्वत पर विधिवत तरीके से श्री गणेश के इस रूप की पूजा की थी तब जाकर ब्रहमा जी बिना विघन के सृष्टि का निर्माण कर पाए थे। भगवान श्री गणेश का सबसे लोकप्रिय रूप सिद्धि विनायक को ही माना जाता है इस रूप में भगवान के दो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि है
वही विनायक की सूंड दाईं ओर मुड़ी हुई है। आज के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद भगवान श्री गणेश के सिद्धि विनायक रूप का ध्यान करें और पूजन स्थल पर गणपति की प्रतिमा पर 21 दूर्वा अर्पित करें। फिर षोडोपचार से सिद्धि विनायक का पूजन कर धूप दीपक जलाकर श्री गणेश चालीसा का पाठ करें फिर भगवान को मोतिचूर के लडडू का भोग लगाएं और आरती जरूर पढ़ें उसके बाद भगवान श्री गणेश से अपने मन की बात कहें और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर प्रसाद सभी को बांट दें ऐसा करने से आपकी सभी परेशानियां और संकट दूर हो जाते हैं।