ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म और शास्त्रों में देवी सरस्वती को ज्ञान, विद्या, कला और गीत संगीत की देवी माना जाता है मान्यता है कि इनकी आराधना व पूजा करने से ज्ञान और शिक्षा की प्राप्ति होती है बसंत पचंमी का दिन इनके अवतरण का माना जाता है ऐसे में इस दिन देवी मां की विशेष रूप से पूजा होती है।

इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक तौर पर कई सारी कथाएं प्रचलित है जिसमें एक कथा है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा का अपनी ही बेटी के साथ विवाह करने की घटना सरस्वती पुराण में वर्णित है, इसके बारे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बता रहे है तो आइए जानते है।

सरस्वती पुराण के अनुसार सृष्टि की रचना करते वक्त ब्रह्मा ने सीधे अपने वीर्य से सरस्वती को जन्म दिया था। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि सरस्वती की कोई मां नहीं केवल पिता, ब्रह्मा थे। देवी सरस्वती बेहद खूबसूरत और आकर्षक थी कि स्वयं ब्रह्मा भी सरस्वती के आकर्षण से खुद को रोक नहीं पाएं आौर उन्हें अपनी अर्धांगिनी बनाने पर विचार करने लगे।

सरस्वती ने अपने पिता ब्रह्मा की इस मनोभावना को भांपकर उनसे बचने के लिए चारों दिशाओं में छिपने का प्रयत्न किया मगर उनका हर प्रयत्न बेकार हो गया इसलिए विवश होकर उन्हें पिता के साथ विवाह करना पड़ा ब्रह्मा और सरस्वती करीब सौ वर्षों तक एक जंगल में पति पत्नी की तरह रहे इन दोनों का एक पुत्र भी हुआ जिसका नाम रखा गया था स्वयंभु मनु। वही मत्स्य पुराण के अनुसार ब्रह्मा और सरस्वती की संतान मनु को पृथ्वी पर जन्म लेने वाला पहला मानव कहा जाता है मनु को वेदों, सनातन धर्म और संस्कृत समेत सभी भाषाओं का जनक भी माना जाता है।


