ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: सनातन धर्म में ईश्वर साधना आराधना के कई सारे तरीके बताए गए है जिनमें से एक हवन को भी माना जाता है मान्यता है कि किसी भी धार्मिक कार्यक्रम व मांगलिक कार्य के समय हवन कराना जरूरी होता है हिंदू धर्म में हवन का विशेष महत्व होता है हवन कराने की परंपरा सदियों पुरानी मानी जाती है महाभारत और रामायण काल में भी ऋषि मुनि द्वारा हवन पूजन किया जाता था, तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सनातन धर्म में हवन को क्यों महत्वपूर्ण बताया गया है इसके बारे में विस्तार से चर्चा कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
धार्मिक तौर पर अगर देखा जाए तो हवन को शुद्धि और सकारात्मकता का अनुष्ठान माना जाता है पूजा पाठ सहित सभी धार्मिक अनुष्ठानों और कार्यों को हवन या यज्ञ के बिना पूरा नहीं माना जाता है हवन का महत्व न केवल धार्मिक बल्कि वैज्ञानिक नजरिए से भी अधिक होता है। धार्मिक रूप से हवन पवित्र अग्नि का एक छोटा सा रूप है जिसमें कुछ सामग्रियों को मंत्रों के साथ अग्निकुंड में अर्पित किया जाता है
हवन को एक मनुष्य पर पूरे परिवार के साथ भी किया जा सकता है इसमें ईश्वर का स्मरण, वैदिक मंत्रों का जाप, दक्षिणा आदि शामिल होता है धर्म शास्त्रों में हवन को एक धार्मिक अनुष्ठान माना गया है जिसको करने से एक व्यक्ति या परिवार ही नहीं बलिक पूरे मानव समाज का कल्याण होता है और प्रकृति को भी इससे लाभ पहुंचता है हवन के दौरान अग्नि और धुएं के साथ मंत्रों का जाप पूरे वातावरण को शुद्ध करता है।
हवन का महत्व सदियों से है ग्रहदोष को दूर करने या ग्रहों की शांति के लिए भी हवन पूजन किया जाता है पूजा पाठ और धार्मिक समारोह में भी इसको करना उत्तम बताया गया है हवन को किसी भी शुभ कार्य, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, भवन निर्माण कथा और विवाह आदि सभी शुभ कार्यों में हवन करने की विशेष परंपरा है मान्यता है कि हवन पूजन अगर विधि पूर्वक किया जाता है तो इससे ईश्वर प्रसन्न होकर कृपा बरसाते हैं और जीवन में सुखों का आगमन होता है।