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नियमित करें श्री दशावतार स्तोत्र का पाठ, मनोकामनाओं की होगी पूर्ति

Recite shri dashavtar stotram path on everyday

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में पूजा पाठ के साथ साथ देवी देवताओं के मंत्र और स्तोत्र का पाठ करना भी लाभकारी होता है मान्यता है कि इससे भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं अगर आप की कोई विशेष मनोकामना है जो अभी तक पूरी नहीं हो पाई है

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तो ऐसे में आप नियमित तौर पर किसी भी दिन या किसी भी वक्त शुद्ध होकर भगवान श्री विष्णु की विधिवत पूजा करें और फिर भगवान का ध्यान करते हुए श्री दशावतार स्तोत्र का पाठ करें, ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएंगी तो आज हम आपके लिए लेकर आए है श्री दशावतार स्तोत्र का संपूर्ण पाठ, तो आइए जानते हैं। 

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श्री दशावतार स्तोत्र-

प्रलय पयोधि.जले धृतवान् असि वेदम्
विहित वहित्र.चरित्रम् अखेदम्
केशव धृत.मीन.शरीरए जय जगदीश हरे

क्षितिर् इह विपुलतरे तिष्ठति तव पृष्ठे
धरणि. धारण.किण चक्र.गरिष्ठे
केशव धृत.कूर्म.शरीर जय जगदीश हरे

वसति दशन शिखरे धरणी तव लग्ना
शशिनि कलंक कलेव निमग्ना
केशव धृत शूकर रूप जय जगदीश हरे

तव कर.कमल.वरे नखम् अद्भुत शृंगम्
दलित.हिरण्यकशिपु.तनु.भृंगम्
केशव धृत.नरहरि रूप जय जगदीश हरे

छलयसि विक्रमणे बलिम् अद्भुत.वामन
पद.नख.नीर.जनित.जन.पावन
केशव धृत.वामन रूप जय जगदीश हरे

क्षत्रिय.रुधिर.मये जगद् .अपगत.पापम्
स्नपयसि पयसि शमित.भव.तापम्
केशव धृत.भृगुपति रूप जय जगदीश हरे

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वितरसि दिक्षु रणे दिक्.पति.कमनीयम्
दश.मुख.मौलि.बलिम् रमणीयम्
केशव धृत.राम.शरीर जय जगदीश हरे

वहसि वपुशि विसदे वसनम् जलदाभम्
हल.हति.भीति.मिलित.यमुनाभम्
केशव धृत.हलधर रूप जय जगदीश हरे

नंदसि यज्ञ. विधेर् अहः श्रुति जातम्
सदय.हृदय.दर्शित.पशु.घातम्
केशव धृत.बुद्ध.शरीर जय जगदीश हरे

म्लेच्छ.निवह.निधने कलयसि करवालम्
धूमकेतुम् इव किम् अपि करालम्
केशव धृत.कल्कि.शरीर जय जगदीश हरे

श्री.जयदेव.कवेर् इदम् उदितम् उदारम्
शृणु सुख.दम् शुभ.दम् भव.सारम्
केशव धृत.दश.विध.रूप जय जगदीश हरे

वेदान् उद्धरते जगंति वहते भू.गोलम् उद्बिभ्रते
दैत्यम् दारयते बलिम् छलयते क्षत्र.क्षयम् कुर्वते
पौलस्त्यम् जयते हलम् कलयते कारुण्यम् आतन्वते
म्लेच्छान् मूर्छयते दशाकृति.कृते कृष्णाय तुभ्यम् नमः

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