वैशाख पूर्णिमा के बाद शुरू होगा ज्येष्ठ माह, इस पूरे माह पुण्य प्राप्ति के लिए करें ये काम

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में सभी महीनों का अपना महत्व होता है वही पंचांग के अनुसार 17 मई दिन मंगलवार से नए माह यानी ज्येष्ठ मास का आरंभ होने जा रहा है ये महीना 14 जून तक चलेगा और ज्येष्ठ पूर्णिमा के बाद नए माह की शुरुआत भी होगी। बता दें कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 16 मई सुबह 9 बजकर 43 मिनट से लग रही है और 17 मई मंगलवार को सुबह 6 बजकर 25 मिनट तक होगा। ज्योतिष के अनुसार ऐसी मान्यता है कि जिस तिथि पर सूर्योदय होता है उसी दिन तिथि मान्य होती है इसलिए 17 मई से ज्येष्ठ माह की शुरुआत होगी, तो आज हम आपको इस माह के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
ज्येष्ठ माह की शुरुआत ही शुभ दिन से हो रही है इस दिन प्रात: काल से ही शिव योग बन रहा है रात 10 बजकर 38 मिनट से सिद्ध योग लग जाएगा। ज्येष्ठ माह को लेकर मान्यता है कि इस माह में कुछ ऐसे काम किए जाते हैं जिनको करने से भाग्य को मजबूती मिलती है और पुण्य की प्राप्ति होती है इस महीने में सूर्य का तेज अधिक होता है इस माह में कुछ कार्यों को करने से सूर्यदेव की कृपा पाई जा सकती है।
ज्येष्ठ महीने में करें ये काम—
शास्त्रों में ज्येष्ठ माह में सूर्यदेव की पूजा को विशेष महत्व दिया जाता है सूर्यदेव की कृपा पाने के लिए नियमित रूप से स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अर्पित करें और उनका मंत्र जाप करें। ज्येष्ठ माह में सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए रविवार के दिन व्रत रखें इस दिन नमक नहीं खाया जाता है इसलिए रविवार के दिन मीठा भोजन करके ही पारण करें
इस महीने गर्मी भीषण रूप में होती है इसलिए इस महीने में जल और पंखे का दान उत्तम माना जाता है अगर किसी तरह संभव हो सके, तो प्यासे लोगों को पानी पिलाएं ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस महीने में पशु पक्षियों के दाने और पानी की व्यवस्था करनी चाहिए ऐसा करने से ईश्वर आप पर कृपा करते हैं। इस महीने राहगीरों को शरबत पिलाना, गरीबों को फल दान करना, शुभ फलदायी होता है।