ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है यह पूजनीय भी होता है मान्यता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान शिव से हुई थी इसका अधिक महत्व भी सनातन धर्म में बताया गया है ज्योतिष की मानें तो रुद्राक्ष 14 मुखी, गणेश और गौरी शंकर तीन तरह के पाए जाते हैं लेकिन इसे धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषीय की सलाह जरूर लेनी चाहिए

ऐसे में अगर आप ने भी रुद्राक्ष धारण किया है या फिर इसे धारण करने का मन बना रहे हैं तो इससे जुड़ी कुछ बातों का जान लेना बहुत जरूरी है तभी इसका पूर्ण फल मिलता है तो आज हम आपको रुद्राक्ष धारण के बाद के जरूरी नियम बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

ज्योतिष की मानें तो रुद्राक्ष की माला को सोमवार, पूर्णिमा या फिर अमावस्या तिथि पर धारण करना शुभ माना जाता है इस माला को 1, 27, 54 या 108 की संख्या में धारण करना चाहिए रुद्राक्ष को सोने और चांदीके साथ धारण करने से जातक को जल्द ही इसके शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। वही मेष और वृश्चिक राशि वालों को हमेशा तीन मुखी वही वृषभ और तुला राशिवालों को छह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। वही मिथुन, कन्या को चार मुखी, कर्क राशि वालों को दो मुखी सिंह राशि वालों को एक मुखी और धन व मीन को पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए

वही मकर और कुंभ राशि के लोगों को सात मुखी रुद्राख धारण करना चाहिए इसे शुभ माना जाता है मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए किसी दूसरे की पहनी रुद्राक्ष माला को धारण नहीं करना चाहिए वही रात को सोते वक्त इसे उतार देना बेहतर होता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी जातक के विवाह में अड़चने आ रही है तो उसे गौरी शंकर रुद्राक्ष की माला धारण करना चाहिए इससे विवाह जल्दी होता है और परेशानियां भी दूर हो जाती है।


