Samachar Nama
×

आत्मविश्वास की कमी से हर क्षेत्र में हो रहें असफल, तो ये उपाय दिलाएगा लाभ

do this work related to Vishnu on Thursday you will get success

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हर कोई अपने जीवन में धन दौलत और सफलता हासिल करना चाहता है इसके लिए वह प्रयास भी करता है मगर कहते हैं कि अगर किसी में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है तो उसे छोटी से छोटी चीज़ में भी सफलता नहीं प्राप्त होती है ऐसे में अगर आप भी आत्मविश्वास की कमी के कारण हर क्षेत्र में असफल हो रहे हैं या फिर नकारात्मकताओं ने आपको पूरी तरह से घेर लिया है

do this work related to Vishnu on Thursday you will get success

तो इनसे छुटकारा पाने के लिए आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु से जुड़ा उपाय कर सकते हैं इसके लिए आप किसी भी पास के मंदिर में जाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा के आगे कमल नेत्र स्तोत्रम् का संपूर्ण पाठ करें मान्यता है कि इसका पाठ आत्मविश्वास में वृद्धि करता है और हर क्षेत्र में सफलता दिलाता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है कमल नेत्र स्तोत्रम् का संपूर्ण पाठ, तो आइए जानते हैं। 

do this work related to Vishnu on Thursday you will get success

कमल नेत्र स्तोत्रम्— 

श्री कमल नेत्र कटि पीताम्बर,
अधर मुरली गिरधरम ।
मुकुट कुण्डल कर लकुटिया,
सांवरे राधेवरम ॥1॥
कूल यमुना धेनु आगे,
सकल गोपयन के मन हरम ।
पीत वस्त्र गरुड़ वाहन,
चरण सुख नित सागरम ॥2॥

करत केल कलोल निश दिन,
कुंज भवन उजागरम ।
अजर अमर अडोल निश्चल,
पुरुषोत्तम अपरा परम ॥3॥

दीनानाथ दयाल गिरिधर,
कंस हिरणाकुश हरणम ।
गल फूल भाल विशाल लोचन,
अधिक सुन्दर केशवम ॥4॥

बंशीधर वासुदेव छइया,
बलि छल्यो श्री वामनम ।
जब डूबते गज राख लीनों,
लंक छेद्यो रावनम ॥5॥

सप्त दीप नवखण्ड चौदह,
भवन कीनों एक पदम ।
द्रोपदी की लाज राखी,
कहां लौ उपमा करम ॥6॥

do this work related to Vishnu on Thursday you will get success

दीनानाथ दयाल पूरण,
करुणा मय करुणा करम ।
कवित्तदास विलास निशदिन,
नाम जप नित नागरम ॥7॥

प्रथम गुरु के चरण बन्दों,
यस्य ज्ञान प्रकाशितम ।
आदि विष्णु जुगादि ब्रह्मा,
सेविते शिव संकरम ॥8॥

श्रीकृष्ण केशव कृष्ण केशव,
कृष्ण यदुपति केशवम ।
श्रीराम रघुवर, राम रघुवर,
राम रघुवर राघवम ॥9॥

श्रीराम कृष्ण गोविन्द माधव,
वासुदेव श्री वामनम ।
मच्छ-कच्छ वाराह नरसिंह,
पाहि रघुपति पावनम ॥10॥

मथुरा में केशवराय विराजे,
गोकुल बाल मुकुन्द जी ।
श्री वृन्दावन में मदन मोहन,
गोपीनाथ गोविन्द जी ॥11॥

धन्य मथुरा धन्य गोकुल,
जहाँ श्री पति अवतरे ।
धन्य यमुना नीर निर्मल,
ग्वाल बाल सखावरे ॥12॥

नवनीत नागर करत निरन्तर,
शिव विरंचि मन मोहितम ।
कालिन्दी तट करत क्रीड़ा,
बाल अदभुत सुन्दरम ॥13॥

ग्वाल बाल सब सखा विराजे,
संग राधे भामिनी ।
बंशी वट तट निकट यमुना,
मुरली की टेर सुहावनी ॥14॥

भज राघवेश रघुवंश उत्तम,
परम राजकुमार जी ।
सीता के पति भक्तन के गति,
जगत प्राण आधार जी ॥15॥

जनक राजा पनक राखी,
धनुष बाण चढ़ावहीं ।
सती सीता नाम जाके,
श्री रामचन्द्र प्रणामहीं ॥16॥

जन्म मथुरा खेल गोकुल,
नन्द के ह्रदि नन्दनम ।
बाल लीला पतित पावन,
देवकी वसुदेवकम ॥17॥

श्रीकृष्ण कलिमल हरण जाके,
जो भजे हरिचरण को ।
भक्ति अपनी देव माधव,
भवसागर के तरण को ॥18॥

जगन्नाथ जगदीश स्वामी,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम ।
द्वारिका के नाथ श्री पति,
केशवं प्रणमाम्यहम ॥19॥

श्रीकृष्ण अष्टपदपढ़तनिशदिन,
विष्णु लोक सगच्छतम ।
श्रीगुरु रामानन्द अवतार स्वामी,
कविदत्त दास समाप्ततम ॥20॥

do this work related to Vishnu on Thursday you will get success

Share this story