Samachar Nama
×

आज श्रावण मास की पूर्णिमा पर करें स्नान-दान, सुख समृद्धि का मिलेगा आशीर्वाद

sawan purnima vrat puja 2022 snan daan muhurta and significance

ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या की तिथि को खास माना जाता है मगर श्रावण मास में पड़ने वाली पूर्णिमा का अपना महत्व होता है इस दिन स्नान दान और पूजा पाठ करने से ईश्वर की विशेष कृपा प्राप्त होती है कहा जाता है कि श्रावण मास की पूर्णिमा बाकी पूर्णिमाओं से अधिक फलदायी होती है

sawan purnima vrat puja 2022 snan daan muhurta and significance

इस दिन स्नान दान, पूजा पाठ के साथ व्रत किया जाता है ऐसा करने से धन वैभव की देवी माता लक्ष्मी की अपार कृपा भक्तों को प्राप्त होती है और जीवन में धन धान्य व समृद्धि की कोई कमी नहीं रहती है तो आज हम आपको सावन पूर्णिमा के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

sawan purnima vrat puja 2022 snan daan muhurta and significance

पंचांग के मुताबिक श्रावण मास 12 अगस्त को सुबह 7ः05 बजे समाप्त हो रहा है इसलिए श्रावण पूर्णिमा का स्नान और दान 11 अगस्त यानी आज किया जा रहा है इस दिन गंगा में स्नान करने और पूर्वजों का तर्पण करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है ऐसा कहा जाता है कि पूर्णिमा तिथि पर तर्पण करने से पितर तृप्ति हो जाते हैं और वे आशीर्वाद प्रदान करते हैं इस दिन दान दक्षिणा देना भी अच्छा माना जाता है। 

sawan purnima vrat puja 2022 snan daan muhurta and significance

जानिए श्रावण पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त-
आपको बता दें कि इस बार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त दिन बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर आरंभ हो रही है और इसका समापन 12 अगस्त 2022 को प्रातः 7 बजकर 5 मिनट पर होगा। श्रावण पूर्णिमा का चंद्रोदय 11 अगस्त को होगा और पूर्णिमा तिथि का व्रत भी आज रखा जा रहा है जबकि स्नान और दान 11 व 12 तारीख को किया जा सकता है। 

वही श्रावण मास में पड़ने वाली पूर्णिमा को चंद्रमा की पूजा अर्चना करना और उनके दर्शन करना महत्वपूर्ण माना जाता है इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने और उनके दर्शन करने से धन संबंधी सभी तरह की परेशानियां दूर हो जाती है और जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है नौकरी आदि से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा मिलता है साथ ही चंद्र दोष से मिलने वाले अशुभ प्रभाव भी कम हो जाते हैं। 

sawan purnima vrat puja 2022 snan daan muhurta and significance

Share this story

Tags