ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में श्री हरि विष्णु को जगत का पालनहार कहा जाता है तो वही शिव शंकर संहार के देवता माने जाते हैं इनके भक्त दुनियाभर में फैले हुए है शिव और विष्णु के बारे में तो अधिकतर लोग जानते हैं लेकिन क्या इनके पुत्र के बारे में आपको पता है पुराणों के अनुसार भगवान शिव और श्री हरि विष्णु का एक पुत्र है जिसके बारे में बहुत कम ही लोग जानते होंगे तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा इसके पीछे के रहस्य के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं जो हर किसी के लिए अहम हैं, तो आइए जानते हैं।

आप यह सोच रहे होंगे कि शिव और श्री विष्णु का पुत्र कैसे संभव है तो आपको बता दें कि धार्मिक पुराणों के अनुसार भगवान शिव और श्री हरि विष्णु के पुत्र का नाम अयप्पा था अयप्पा विष्णु के अवतार मोहिनी और भगवान शिव जी के पुत्र थे इसलिए इन्हें हरिहर पुत्र के नाम से भी जाना जाता है

पुराणों की मानें तो अयप्पा शास्ता के अवतार थे पौराणिक कथा के अनुसार जब समुद्र मंथन से निकले अमृत को लेकर दैत्य और देवताओं के बीच झगड़ा हो रहा था तब भगवान श्री हरि विष्णु ने मोहिनी अवतार लिया था और दैत्यों के साथ छल करते हुए अमृत देवताओं को दे दिया था।

कहा जाता है कि मोहिनी अत्यधिक खूबसूरत थी जो भी एक बार उन्हें देख लें वो उन पर मोहित हुए बिना रह नहीं पाता था इसी कारण से सभी दैत्य भी उनकी ओर आकर्षित हो गए और मोहिनी ने धोखे से देवताओं को अमृत पान करा दिया था। जब शिव ने विष्णु के इस अवतार के बारे में सुना तो वे हरि निवास स्थान पर पहुंच गए और उनकी स्तुति वंदना की। जिससे प्रसन्न होकर विष्णु ने शिव को अपना मोहिनी रूप दिखाया। मोहिनी ने लज्जा भाव से तिरछी नजर से शिव को देखा और शिव भी उनकी ओर आकर्षित हो गए। मोहिनी रूप धरे विष्णु और शिव के संसर्ग से भगवान अयप्पा का जन्म हुआ। आपको बता दें कि दक्षिण भारत में विशेष रूप से अयप्पा भगवान की पूजा आराधना की जाती है।


