नवग्रहों की शांति हेतु सबसे शक्तिशाली 9 मंत्र, जो रोग, व्याधि और प्रकोप से दिलाएंगे मुक्ति

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: ज्योतिष अनुसार ग्रहों की भूमिका व्यक्ति के जीवन में विशेष मानी जाती है विभिन्न ग्रहों की स्थिति जातक के भाग्य पर अपना प्रभाव छोड़ती है अगर कुंडली के सभी ग्रह कमजोर स्थिति में है तो इससे जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
लेकिन अगर कुंडली के सभी ग्रह मजबूत है तो जातक को इसके शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा नवग्रह के चमत्कारी मंत्र लेकर आए है जिनका जाप मात्र इन ग्रहों को शांत कर मजबूत बनाता है और शुभ प्रभाव भी प्रदान करता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं नव ग्रहों के चमत्कारी मंत्र।
नवग्रहों के सबसे शक्तिशाली मंत्र—
सूर्य ग्रह
रोजाना सुबह स्नान करके अगर भगवान सूर्यदेव के बीज मंत्र ॐ ह्रां, ह्रीं, ह्रौं सः सूर्याय नमः का 108 बार जाप किया जाए तो नौकरी, समृद्धि और मान सम्मान में वृद्धि होती है।
चंद्रमा ग्रह
प्रतिदिन शाम को चद्र ग्रह के बीज मंत्र ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः का 108 बार जाप करने से सभी तरह की मानसिक परेशानियां दूर हो जाती है और आर्थिक संकट से भी छुटकारा मिलता है।
मंगल ग्रह
हर मंगलवार के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद मंगल ग्रह के बीज मंत्र ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः का 108 बार जाप जरूर करें।
बुध ग्रह
प्रतिदिन अगर बुध ग्रह के बीज मंत्रो ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः का जाप किया जाए तो बुद्धि और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
बृहस्पति ग्रह
प्रतिदिन दोपहर में अगर बृहस्पति के बीज मंत्रों ॐ ग्रां ग्रीं, ग्रौं सः गुरवे नमः का जाप 108 बार किया जाए तो वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।
शुक्र ग्रह
वही हर शुक्रवार के दिन सुबह स्नान आदि के बाद अगर शुक्र ग्रह के बजी मंत्रों द्रां द्रौं द्रौं शाह शुक्र नमः का जाप 108 बार किया जाए तो लाभ मिलता है।
शनि ग्रह
हर शनिवार के दिन भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए उनके बीज मंत्रों ऊँ प्रां प्रीं प्रौं शं शनैश्चराय नाम का जाप शाम को 108 बार करें ऐसा करने से लाभ मिलता है।
राहु ग्रह
कमजोर राहु को मजबूत करने के लिए रोजाना रात को सोने से पहले राहु के बीज मंत्र ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं सः रूहवे नमः का 108 बार जाप जरूर करें।
केतु ग्रह
केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन केतु के बजी मंत्र ॐ श्रां श्रौं श्रौं शाह केतुवे नमः का 108 बार जाप जरूर करें।